ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
कानपुर जिले में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय और सीसामऊ विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक नसीम सोलंकी के बीच नाटकीय और भावनात्मक संवाद देखने को मिला।
घटना का पूरा विवरण
शुक्रवार को नगर निगम की ओर से सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में नाले पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई चलाई जा रही थी। इस अभियान के दौरान खुद भाजपा मेयर प्रमिला पांडेय मौके पर मौजूद रहीं। जब इस कार्रवाई की जानकारी सपा विधायक नसीम सोलंकी को मिली, तो वे भी मौके पर पहुंच गईं।
विधायक नसीम सोलंकी ने मेयर प्रमिला पांडेय के सामने हाथ जोड़कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को रोकने के लिए सात दिन की मोहलत मांगी। लेकिन मेयर प्रमिला पांडेय ने उनके आग्रह को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह एक सेकंड का भी समय नहीं दे सकतीं। मेयर ने विधायक से यह भी कहा कि उनका वहां मौजूद रहना लोगों को उकसाने का काम कर रहा है और इस वजह से कार्रवाई में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
बुलडोजर कार्रवाई के पीछे की वजह
यह कार्रवाई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद शुरू की गई, जब कुछ दिन पहले सीसामऊ क्षेत्र में नाले में गिरकर एक बच्ची की मौत हो गई थी। इस घटना से क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश था। नगर निगम ने इस हादसे के मद्देनजर नाले पर बने अवैध निर्माण को हटाने का फैसला लिया। अधिकारियों के बीच इस घटना को लेकर हड़कंप मच गया था और फौरन अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया गया।
मेयर और विधायक के बीच संवाद
जब विधायक नसीम सोलंकी मौके पर पहुंचीं और कार्रवाई को रोकने की गुजारिश की, तो मेयर प्रमिला पांडेय ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया, “आप यहां से जाइए, क्योंकि आपके मौजूद रहने से लोग दबाव बनाएंगे। मैं आपके हाथ जोड़ती हूं, लेकिन एक सेकंड की भी मोहलत नहीं दी जाएगी। बच्ची की मौत का मामला गंभीर है और कार्रवाई होकर रहेगी।”
इसके बाद, मेयर प्रमिला पांडेय ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया। विधायक नसीम सोलंकी हाथ जोड़कर मेयर से लगातार आग्रह करती रहीं, लेकिन मेयर अपने फैसले पर अडिग रहीं।
वायरल वीडियो और प्रतिक्रियाएं
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। इस वीडियो को लेकर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग मेयर के कठोर रुख का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ विधायक की विनम्रता और उनकी जनता के प्रति संवेदनशीलता की सराहना कर रहे हैं।
इस प्रकरण से यह साफ हुआ कि शहर में अतिक्रमण और जनसुविधाओं को लेकर प्रशासनिक सख्ती जारी है, जबकि राजनीतिक दबाव के बावजूद अधिकारियों ने कार्रवाई को अंजाम दिया।