संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम मंडल मुख्यालय में शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर नवाब टैंक स्थित है। इसे बांदा के नवाब में बनवाया था, इसीलिए इसे नवाब टैंक के रूप में जाना जाता है। तालाब बीचों बीच नवाब के सिंहासन एक बुर्ज बना है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह से नवाब अपनी पत्नियों के साथ कजली मेले का आनंद लेते थे। डेढ़ सौ साल पहले शुरू हुई यह परंपरा आज भी बरकरार है।
उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर बांदा अपने समृद्ध अतीत और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यहां स्थित 18वीं शताब्दी का नवाब टैंक जल्द ही पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित होने जा रहा है। पर्यटन विभाग इस स्थल को नई साज-सज्जा और अत्याधुनिक सुविधाओं से संवारने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत प्रमुख आकर्षण के रूप में म्यूजिकल फाउंटेन (संगीतमय फव्वारा) स्थापित किया जाएगा, जो पर्यटकों के लिए एक रोमांचक और खूबसूरत अनुभव प्रस्तुत करेगा।
म्यूजिकल फाउंटेन की विशेषताएं
नवाब टैंक के विकास कार्यों पर कुल 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें लगभग 50 फव्वारे होंगे। इन फव्वारों को विशेष रंगीन लाइटों से सजाया जाएगा, जो रात के समय मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करेंगे। फाउंटेन के पानी की लहरें संगीत की धुन के साथ थिरकेंगी, जिससे पर्यटकों को एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा।
म्यूजिकल फाउंटेन का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से बांदा के इतिहास और संस्कृति को जीवंत किया जाएगा। चंदेलकालीन राजाओं की वीरता, स्थानीय लोककथाओं और ऐतिहासिक गाथाओं को संगीत और रोशनी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। यह फाउंटेन दिन के साथ-साथ रात में भी नवाब टैंक को रोशन करेगा और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
नवाब टैंक का ऐतिहासिक महत्व
नवाब टैंक का निर्माण 18वीं शताब्दी में नवाब नखाव अली बहादुर द्वारा कराया गया था। यह विशाल टैंक करीब दस हजार हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसके अंदर बारादरी तक जाने वाली एक सुरंग भी मौजूद है, जिसकी लंबाई लगभग चार किलोमीटर बताई जाती है। यह टैंक बांदा की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत का साक्षी है।
2009 में, बसपा शासन के दौरान मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से टैंक के विकास कार्य शुरू कराए थे। हालांकि, उसके बाद देखभाल के अभाव में यहां की कई संरचनाएं जैसे कि सीढ़ियां, सीटें और चबूतरे टूट-फूट गए। अब नए विकास कार्यों से इस स्थल को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।
अन्य विकास कार्य
चित्रकूट धाम मंडल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि म्यूजिकल फाउंटेन के अलावा नवाब टैंक क्षेत्र में अन्य पर्यटन सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इन कार्यों को पूरा होने में एक से दो साल का समय लगेगा।
परियोजना के तहत नवाब टैंक को खूबसूरत बगीचों, बैठने की आधुनिक व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और अन्य मनोरंजन सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। इसके अलावा, यहां ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जानकारियों के लिए विशेष डिस्प्ले और आर्ट गैलरी भी बनाई जा सकती हैं।
पर्यटन को बढ़ावा
इस परियोजना से न केवल बांदा के स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। स्थानीय लोग, दुकानदार और हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। म्यूजिकल फाउंटेन और नवाब टैंक का यह नया स्वरूप पर्यटकों को बांदा की ओर आकर्षित करेगा और इसे पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाएगा।
शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी इलाहाबाद और नरैनी राजमार्ग के बीच स्थित 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में यह तालाब बना है। बांदा से नवाब ने इसे बनवाया था वर्तमान में यह तालाब अभिलेखों में शंकर सरोवर के नाम दर्ज है। अभी हाल में इसे ऑक्सिजन पार्क का नाम भी दिया गया है। लोग यहां वोटिंग का आनंद लेने आते हैं। इस तालाब का पौराणिक महत्व भी है। पितृपक्ष में यहां योग पूर्वजों को पानी देने आते हैं। शहर के लोग अन्य त्योहारों में भी यहां पूजन करने आते हैं।
नवाब टैंक का कायाकल्प बांदा के इतिहास, संस्कृति और पर्यटन के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।