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December 12, 2024 10:05 am

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महुआ विकासखंड में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेले का आयोजन

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धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

नरैनी(बांदा)। मौसम में बदलाव के चलते पशुओं में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, यदि समय रहते पशुओं की देखभाल, इलाज और टीकाकरण की उचित व्यवस्था की जाए तो उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए महुआ विकासखंड के देवरार ग्राम पंचायत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेले का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के नरैनी तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने फीता काटकर किया। इसके पश्चात पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण और आरती कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। कार्यक्रम के दौरान गौ पूजन किया गया और गऊओं को गुड़, चना और केले खिलाए गए।

पशुपालन विभाग, बांदा द्वारा आयोजित इस शिविर में पशुपालकों के पशुओं का निःशुल्क इलाज किया गया और प्रतिरक्षी दवाइयाँ वितरित की गईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सोनू करवरिया ने ग्रामवासियों को पशु आरोग्य शिविर के महत्व के बारे में बताया और सभी किसानों से एक गौवंश को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा और गौवंश का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।

कार्यक्रम में गौ रक्षा समिति के ब्लॉक अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह यादव, गिरवा के पशु चिकित्सक डॉ. सचिन कुमार जैन, पशु सचल वाहन के चिकित्सक पुष्पेंद्र सिंह राजपूत, देवरार के ग्राम प्रधान सुशील कुमार राजपूत, तथा पशु विभाग के अधिकारी रविकांत (पशुधन प्रसार अधिकारी, बहेरी), राजकरण (पशुधन प्रसार अधिकारी, बेलगांव), विजय कुमार, देवेंद्र सिंह, अमन करवरिया सहित अनेक ग्रामवासी उपस्थित रहे।

शिविर में मौजूद पशु चिकित्सकों ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जिनमें मुख्य रूप से ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना,’ ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन,’ ‘पशु बीमा योजना,’ ‘एनएलएम योजना,’ और ‘चार विकास योजना’ शामिल हैं। इसके साथ ही, ‘सचल पशु चिकित्सा वाहन’ की सेवाओं के उपयोग पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया।

डॉ. सचिन कुमार जैन ने पशुपालकों को सलाह दी कि वे अपने पशुओं का इलाज किसी अप्रशिक्षित डॉक्टर या झोलाछाप चिकित्सक से न कराएं। उन्होंने 1962 नंबर पर कॉल कर सरकार की सचल पशु चिकित्सा वाहन सेवा का लाभ उठाने की बात कही, ताकि पशुओं को उचित और समय पर इलाज मिल सके।

इस आयोजन ने क्षेत्र के पशुपालकों को जागरूक किया और पशु स्वास्थ्य के प्रति उनकी जिम्मेदारी को मजबूत किया।

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