सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बांदा जिले के किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी बुवाई का काम प्रभावित हो रहा है। इस समस्या को लेकर किसानों का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा, जब भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने अतर्रा रोड पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।
भाकियू के नेतृत्व में प्रदर्शन
यह प्रदर्शन भाकियू के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह पटेल के नेतृत्व में किया गया। किसानों का कहना था कि सहकारी समितियों भदेहदू और साथी में खाद उपलब्ध नहीं है, जिससे उन्हें खेती के कार्य में भारी दिक्कत हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जब तक खाद उपलब्ध नहीं कराई जाएगी, तब तक चक्का जाम जारी रहेगा।
किसानों की मांगें और स्थिति
किसानों ने बताया कि खाद की कमी के चलते उनकी फसल की बुवाई में देरी हो रही है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। उनका कहना था कि प्रशासन की उदासीनता से उनकी समस्याएं और बढ़ रही हैं।
प्रशासन का हस्तक्षेप
घटना की सूचना मिलते ही बबेरू कोतवाली प्रभारी बलराम सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। बाद में, नायब तहसीलदार दीपेंद्र कुमार भी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की।
नायब तहसीलदार ने किसानों को आश्वासन दिया कि खाद की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराया जाएगा।
जाम का प्रभाव
करीब एक घंटे तक चले इस जाम के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यातायात पूरी तरह बाधित हो गया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन का परिणाम
नायब तहसीलदार द्वारा किए गए आश्वासन के बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया और जाम खोल दिया। हालांकि, किसानों का कहना है कि यदि उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
किसानों की पीड़ा
किसानों ने बताया कि खेती उनकी आजीविका का आधार है, लेकिन खाद की अनुपलब्धता ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। उन्होंने सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है ताकि उनकी फसल का समय पर उत्पादन हो सके।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देने की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि किसानों को खाद और अन्य जरूरी संसाधन समय पर उपलब्ध कराए, ताकि उनकी खेती प्रभावित न हो और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत बनी रहे।