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18 January 2025 5:43 pm

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“खोदोगे तो एक दिन खो दोगे देश का सौहार्द” , बांग्लादेश पर संसद के बाहर अखिलेश यादव का हमला

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में मस्जिदों पर मंदिर का दावा करने संबंधी याचिकाओं और संभल हिंसा को लेकर कड़ा बयान दिया। उन्होंने इन संवेदनशील मुद्दों पर समाज के सौहार्द को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया।

संभल हिंसा पर अखिलेश यादव का बयान

24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में भड़की हिंसा के बाद से राजनीतिक माहौल गर्म है। अखिलेश यादव ने इस हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार और प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “संभल में जो कुछ हुआ, वह सरकार की गलत नीतियों और प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, और यह सब भाजपा सरकार के इशारे पर हो रहा है।”

सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी पहले दिन से ही इस मामले पर चर्चा की मांग कर रही है, लेकिन सरकार इसे दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

एएसआई सर्वे पर निशाना

अखिलेश यादव ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर किए जा रहे सर्वेक्षणों पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “अगर आप हर जगह खोदने की कोशिश करेंगे, तो इससे केवल देश का सौहार्द खत्म होगा। यह भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति है, जिसके तहत समाज में विभाजन की कोशिश की जा रही है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी और कमिश्नर जैसे उच्च प्रशासनिक पदों पर भाजपा के एजेंटों को बैठा दिया गया है, जिससे प्रशासन के कार्यों में निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती।

बांग्लादेश मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा

सपा प्रमुख ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार भारत के साधु-संतों और हिंदू अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश में सुरक्षा नहीं दे सकती, तो फिर ‘मजबूत सरकार’ होने का दावा क्यों करती है?

संभल हिंसा: क्या हुआ था?

24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने हिंसा का सहारा लिया। प्रदर्शन के दौरान वाहनों में आगजनी, पुलिस पर पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। इस घटना के बाद से कई इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है और लोग घरों को ताले लगाकर पलायन कर गए हैं।

सरकार की कार्रवाई पर सवाल

अखिलेश यादव ने सरकार की ओर से लागू की गई धारा 144 का विरोध किया और कहा कि विपक्षी नेताओं को प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोकना अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी हिंसा प्रभावित इलाकों में जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहती है, लेकिन प्रशासन हमें रोकने का प्रयास कर रहा है।”

सपा का रुख

समाजवादी पार्टी ने सदन में भी इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार की ओर से ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर लापरवाही से न केवल सामाजिक सौहार्द बिगड़ रहा है, बल्कि लोकतंत्र भी कमजोर हो रहा है।

संभल हिंसा और एएसआई सर्वे जैसे मुद्दे इस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र बने हुए हैं। अखिलेश यादव के इस बयान से यह साफ है कि सपा इन मुद्दों को लेकर भाजपा को घेरने की पूरी कोशिश कर रही है।

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