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26 December 2024 4:34 pm

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फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे पांच शिक्षक, जब भेद खुली तो, हो गया खेला

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अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले पांच शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अजय कुमार गुप्ता ने की है। हाल के दिनों में जिले के शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जीवाड़े के कई मामले उजागर हो रहे हैं।

बर्खास्त किए गए शिक्षकों के नाम

जिन पांच शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, वे प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। इन शिक्षकों में शामिल हैं:

1. विनोद कुमार – प्राथमिक विद्यालय, ददौरा, जमुनहा विकास क्षेत्र

2. सतीश – प्राथमिक विद्यालय, नगईगांव

3. राहुल वर्मा – प्राथमिक विद्यालय, त्रिलोकपुर

4. कर्मवीर सिंह – प्राथमिक विद्यालय, जोगन भरिया, सिरसिया विकास क्षेत्र

5. सुमित शर्मा – प्राथमिक विद्यालय, लक्ष्मनपुर मजगवां

कार्रवाई की प्रक्रिया

बीएसए ने इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। बर्खास्तगी के साथ ही इन शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनके द्वारा अब तक प्राप्त वेतन की वसूली भी की जाएगी।

पहले भी उजागर हो चुका है फर्जीवाड़ा

जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। जून माह में गिलौला विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पिपरी की प्रधान अध्यापिका रीता देवी, जमुनहा के कंपोजिट विद्यालय गयादत्त पुरवा के शिक्षक राजन शर्मा, लालबोझा दरवेश गांव के सहायक अध्यापक सोनू सरिता, उच्च प्राथमिक विद्यालय बंठिहवा की विजय लक्ष्मी सिंह और प्राथमिक विद्यालय गोठवा के शिक्षक विजय प्रकाश को बर्खास्त किया गया था।

फरार और कानूनी शरण लेने वाले शिक्षक

परेवपुर सोहेरवा पुरवा की शिक्षिका चंद्रप्रभावटी कार्रवाई के डर से नौकरी छोड़कर फरार हो चुकी हैं। वहीं वीरपुर बगही के शिक्षक अरुण कुमार ने खुद को बचाने के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लिया है।

जिले में शिक्षा विभाग की साख पर सवाल

जिले में शिक्षा विभाग के फर्जीवाड़े के लगातार सामने आ रहे मामलों से विभाग की साख पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके चलते न केवल शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि छात्रों का भविष्य भी खतरे में पड़ रहा है। प्रशासन इस दिशा में सख्त कार्रवाई कर रहा है, लेकिन बार-बार ऐसे मामले उजागर होना चिंताजनक है।

जिले में जारी इस तरह की कार्रवाई से साफ है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वालों के लिए अब शिक्षा विभाग में कोई स्थान नहीं रहेगा।

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