चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद राज्य प्रशासन बेहद सतर्क हो गया है। इसी क्रम में अमेठी में भी पुलिस हाई अलर्ट पर है। संवेदनशील और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। अमेठी में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है, जिसे अब और अधिक सख्त किया गया है।
संभल की घटना से प्रेरित सतर्कता
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा की घटना ने अमेठी प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के लिए प्रेरित किया है। संभल में सर्वे टीम पर कुछ युवकों द्वारा किए गए पथराव ने न केवल पुलिस बल्कि स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी थी। इस घटना में 20 से 30 वर्ष के युवकों को सीसीटीवी फुटेज में पुलिस पर हमला करते हुए देखा गया। इस हिंसा के बाद शासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हिंसक गतिविधियों में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए और सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई उनसे कराने की घोषणा की।
अमेठी में कड़ी निगरानी
संभल में हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए अमेठी में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए शासन ने विशेष निर्देश जारी किए हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच कर रही है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जा रही है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है, ताकि कोई भी कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश न कर सके।
संवेदनशीलता और सख्ती
संभल की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि उपद्रवियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई दंगाईयों से की जाएगी। साथ ही, हिंसा में शामिल लोगों की जानकारी देने वालों को उचित इनाम देने की घोषणा की गई है। अमेठी में भी इन निर्देशों का पालन करते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है।
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान पथराव जैसी घटनाएं स्थानीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं। अमेठी प्रशासन ने इन घटनाओं से सबक लेते हुए पहले ही एहतियाती कदम उठाए हैं। जहां संभल में हिंसा के बाद कार्रवाई की गई, वहीं अमेठी में संभावित खतरों को भांपकर पहले से ही सख्ती लागू की गई है। यह प्रशासन की सक्रियता और किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि प्रदेश में किसी भी उपद्रवी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।