आर्य संतोष कुमार वर्मा की रिपोर्ट
देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ को लेकर बहस तेज है। इसी बीच, मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के एक मंत्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह वीडियो अपनी सामग्री की वजह से तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के मऊ गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री गौतम टेटवाल उपस्थित थे। जब वे मंच से भाषण दे रहे थे, तभी शाम के करीब 7:15 बजे ईशा की अजान की आवाज सुनाई दी। अजान की आवाज सुनते ही मंत्री ने अपना भाषण बीच में रोक दिया और शांत हो गए।
मंत्री ने क्या कहा?
अजान खत्म होने के बाद मंत्री गौतम टेटवाल ने मंच से कहा,
“वह (अल्लाह) कहता है कि उससे डरो, नेक काम करो। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।”
इतना ही नहीं, मंत्री ने मंच से कलमा भी पढ़ा:
“ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूल अल्लाह।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “सभी भूमि गोपाल की है। वसुधैव कुटुंबकम हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। दुनिया में सब सुखी रहें, सबका कल्याण हो, सब निरोगी रहें। यह संदेश वह (इस्लाम) भी देता है और हमारी सनातन संस्कृति भी यही सिखाती है।”
वीडियो हुआ वायरल
मंत्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जहां कई लोगों ने इसे सराहा और इसे सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया, वहीं इसके खिलाफ भी आवाजें उठने लगीं।
विरोध के स्वर
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने इस मामले पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा,
“हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन यह बात चिंताजनक है कि मंत्री ने अजान के लिए अपना भाषण रोक दिया और मंच से कलमा पढ़ा। क्या उन्होंने कभी किसी मंदिर में आरती के दौरान ऐसा किया है? मंत्री को हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।”
तिवारी ने आगे कहा, “गौतम टेटवाल एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्हें यह सोचना चाहिए कि उनके इस कृत्य से हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची है। अगर वे माफी नहीं मांगते, तो हिंदू समाज उनके भविष्य पर विचार करेगा।”
मामले पर उठे सवाल
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश में राजनीतिक और सांप्रदायिक मुद्दों को लेकर चर्चाएं तेज हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नारों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के चलते सोशल मीडिया पर पहले से ही बयानबाजी का दौर जारी है। ऐसे में मंत्री का यह वीडियो इन चर्चाओं को और हवा दे रहा है।
सामाजिक संदेश या विवाद का कारण?
गौतम टेटवाल के इस कदम को जहां कुछ लोग धार्मिक सौहार्द और समानता का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे पार्टी की छवि और हिंदू समाज की भावनाओं के खिलाफ बता रहे हैं।
मंत्री टेटवाल ने अब तक इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी पार्टी और राज्य सरकार पर भी इस घटना का असर पड़ सकता है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और राजनीति
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दल इसे “बीजेपी की दोहरी राजनीति” बता रहे हैं, जबकि पार्टी के भीतर भी इस मुद्दे पर मतभेद हो सकते हैं।
अब यह देखना बाकी है कि मंत्री टेटवाल इस पर माफी मांगते हैं या अपने कदम का समर्थन करते हुए आगे का रुख अपनाते हैं।