कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई अब उपद्रवियों से कराई जाएगी। राज्य सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उनके पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाने की योजना बनाई है।
संभल में क्यों हुई हिंसा?
रविवार को संभल के कोट गर्वी क्षेत्र स्थित शाही जामा मस्जिद के पास तनाव उस समय भड़क गया जब न्यायालय के आदेशानुसार वहां सर्वेक्षण कार्य शुरू हुआ। यह सर्वेक्षण एक याचिका के आधार पर किया जा रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी एक प्राचीन हरिहर मंदिर हुआ करता था।
सर्वेक्षण को लेकर विवादित स्थल पर बड़ी संख्या में भीड़ एकत्र हो गई। नारेबाजी करते हुए भीड़ ने सर्वेक्षण दल को रोकने की कोशिश की। स्थिति तब नियंत्रण से बाहर हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिसकर्मियों के साथ झड़प शुरू हो गई। हिंसा के दौरान वाहनों में आग लगा दी गई, जिससे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई।
हिंसा में जान-माल का नुकसान
हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी व स्थानीय नागरिक घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति पर काबू पाया। अब तक इस मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 7 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
योगी सरकार का सख्त रुख
संभल हिंसा के बाद राज्य सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, “हिंसा में शामिल पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे। उनसे सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा।”
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पहले भी 2020 में सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान इसी तरह के पोस्टर लगाकर दंगाइयों की पहचान की गई थी। हालांकि, बाद में अदालत के आदेश के बाद ये पोस्टर हटा दिए गए थे।
प्रमुख आरोपी और दर्ज मुकदमे
पुलिस ने हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और 2,750 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
मजिस्ट्रेट जांच और प्रशासनिक कदम
घटना की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी क्षेत्र में निगरानी बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सरकार का संदेश
योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से भरपाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार अपने रुख पर अडिग है।
संभल हिंसा न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए चुनौती बनी, बल्कि इसे राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की परीक्षा के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में सरकार की सख्ती एक स्पष्ट संदेश है कि उपद्रवियों के लिए कोई जगह नहीं होगी।