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December 12, 2024 11:20 pm

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घायल पशुओं की सुरक्षा और संरक्षण पर अहम निर्णय ; जारी किया गया आवश्यक फोन नंबर

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 संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

देवरिया, जनपद में सोसाइटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स (एसपीसीए) की बैठक मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन के गांधी सभागार में आयोजित की गई। बैठक में पशुओं की सुरक्षा, संरक्षण और उनके प्रति हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई।

घायल पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने का सुझाव

बैठक में घायल बंदर, कुत्ता, बिल्ली जैसे जानवरों के लिए आश्रय स्थल बनाने का सुझाव दिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने इस दिशा में जनपद की स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आकर पहल करने का अनुरोध किया। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके आतंक को नियंत्रित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को बधियाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।

खुले ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्णय

बैठक में जनपद के खुले ट्रांसफार्मरों के कारण हो रहे हादसों को रोकने के लिए उनके चारों ओर सुरक्षा जाली लगाने का प्रस्ताव रखा गया। सरकारी ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा का कार्य अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग द्वारा किया जाएगा। वहीं, निजी संस्थानों पर लगे ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित संस्थाओं को निर्देशित किया गया।

पशु तस्करी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

बैठक में मौजूद पशु प्रेमी संजय पाठक ने जनपद में पशु तस्करी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। उनके सुझाव पर पुलिस विभाग को इस पर सख्ती से रोक लगाने और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

घायल पशुओं की देखभाल के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

पशुओं की आपातकालीन चिकित्सा और संरक्षण के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। इन नंबरों पर शिकायत दर्ज कर घायल पशुओं को मदद पहुंचाई जा सकेगी:

टोल-फ्री नंबर: 1962, जिलाधिकारी हेल्पलाइन नंबर: 05568-225351/222261/223331, पुलिस हेल्पलाइन नंबर: 112

इसके अलावा, घायल बंदरों की देखभाल और इलाज के लिए जिला वनाधिकारी के मोबाइल नंबर 8056595393 पर सूचित करने की अपील की गई। साथ ही, नगर निकायों और ग्राम पंचायतों को बंदरों को पकड़ने के लिए मंकीकैचर और मंकी हैंडलर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

लाल बंदर और नीलगायों की समस्या पर कार्रवाई

लाल बंदरों और नीलगायों की बढ़ती संख्या के कारण हो रहे नुकसान को नियंत्रित करने के लिए संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में मौजूद अधिकारी और सदस्य

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के साथ अपर पुलिस अधीक्षक, जिला सूचना अधिकारी, नगर पालिका परिषद के सहायक अभियंता, उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, और एसपीसीए के सदस्य परमेश्वर जोशी, अखिलेन्द्र शाही, संजय पाठक, शिवकुमार गोयल, वंशराज यादव, और उमाशंकर सोनकर उपस्थित रहे।

इस बैठक ने जनपद में घायल और बेसहारा पशुओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

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