चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नवली गांव में एक चोर की किस्मत ने ऐसा खेल खेला कि उसकी पोल खुद ही खुल गई। यह घटना जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। मामला तब शुरू हुआ जब नवली गांव निवासी रणजीत सिंह की बाइक चोरी हो गई, लेकिन घटनाक्रम में जो कुछ हुआ, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं।
चोरी की शुरुआत और रणजीत सिंह का बयान
22 नवंबर को रणजीत सिंह किसी पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए भदौरा बाजार के पास अपनी बाइक खड़ी कर पहचान वाले की कार से रवाना हुए। समारोह से वापस आने पर उन्हें पता चला कि उनकी बाइक चोरी हो गई है। काफी खोजबीन के बाद भी बाइक का कोई सुराग नहीं मिला।
चोर का एक्सीडेंट और अस्पताल पहुंचने की घटना
इसी दौरान चोर, चोरी की गई बाइक पर सवार होकर बिहार की ओर भागने की कोशिश कर रहा था। गहमर थाना क्षेत्र के बकैनिया गांव के पास एनएच 124 सी पर रॉन्ग साइड से आ रहे एक चार पहिया वाहन ने चोर को टक्कर मार दी। घायल चोर को राहगीरों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा में भर्ती कराया और उसकी चोरी की गई बाइक को भी वहीं लाकर खड़ा कर दिया।
डॉक्यूमेंट्स से खुली चोरी की पोल
अस्पताल में चोर का इलाज किया गया, लेकिन पुलिस को सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगले दिन सुबह, चोर ने अस्पताल स्टाफ से बस स्टैंड तक छोड़ने की गुजारिश की और बस स्टैंड जाते हुए बाइक वहीं अस्पताल में छोड़ दी।
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अस्पताल प्रशासन ने बाइक की जांच की तो उसमें एक बैग मिला, जिसमें कई दस्तावेज मौजूद थे। दस्तावेजों में रणजीत सिंह का नाम और संपर्क नंबर था। स्टाफ ने रणजीत सिंह को फोन कर सूचना दी, जिसके बाद वे तुरंत अस्पताल पहुंचे।
गांव में पकड़ा गया चोर और गुनाह कबूलने की कहानी
घटना की जानकारी मिलने के बाद रणजीत सिंह अपने गांव नवली पहुंचे। वहां उन्होंने चोर को पकड़ लिया। पूछताछ में चोर ने गुनाह कबूल कर लिया और इस वारदात में दो अन्य लोगों के शामिल होने की बात भी कही। इसके बाद गांव वालों ने स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दी और चोर को पुलिस के हवाले कर दिया।
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पुलिस ने क्यों छोड़ा आरोपी?
हालांकि, रणजीत सिंह द्वारा लिखित शिकायत दर्ज न कराए जाने के कारण पुलिस ने आरोपी चोर को रिहा कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि चोरी की गई बाइक और चोर दोनों ने खुद को ही अस्पताल पहुंचाया, जिससे मामले का पर्दाफाश हुआ।
यह घटना यह साबित करती है कि किस्मत कभी-कभी सबसे चतुर चोर को भी मात दे देती है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की