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November 21, 2024 2:57 pm

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इन चार जिले के गौशालाओं में होगी गहन जांच, अनियमितताओं की मिल रही लगातार शिकायत पर आयुक्त की सख्ती

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नौशाद अली की रिपोर्ट

गोंडा: उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल में स्थित गौशालाओं की स्थिति को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। आयुक्त को जानकारी मिली है कि कुछ गौशाला कर्मी जानबूझकर रात के समय गोवंशों को गौशाला से बाहर छोड़ देते हैं ताकि उन्हें चारा-पानी न देना पड़े। इस गंभीर मामले को लेकर आयुक्त ने गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नोडल अधिकारियों के माध्यम से गोपनीय जांच कराकर दोषी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।

किसान दिवस पर छुट्टा जानवरों का मुद्दा बार-बार उठा

हर किसान दिवस पर किसान नेता बार-बार छुट्टा जानवरों का मुद्दा उठाते रहे हैं। किसानों का कहना है कि छुट्टा पशुओं की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है, जिससे उनके खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। हालांकि, यह मुद्दा केवल आश्वासन तक ही सीमित रह जाता है, और धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखती। हाल ही में, डीएम नेहा शर्मा की समीक्षा बैठक में पशुपालन विभाग की ओर से केवल 63 गोवंशों के संरक्षण की रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी।

गौशाला कर्मियों पर लगे गंभीर आरोप

आयुक्त के संज्ञान में यह भी आया है कि कई ग्रामवासी अपने दूध देने वाले गोवंशों को सुबह-शाम दूध निकालने के बाद छुट्टा छोड़ देते हैं, जिससे ये पशु किसानों के खेतों में घूमते हुए फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, गौशाला कर्मियों द्वारा गोवंशों को रात में बाहर छोड़ देने की शिकायतें भी मिली हैं। इस तरह की लापरवाही से जहां गोवंशों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, वहीं किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

18 बिंदुओं पर होगी विस्तृत जांच

आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे प्रत्येक गौशाला की विस्तृत जांच कराएं। इस जांच के लिए 18 बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी नोडल अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट अपर निदेशक पशुपालन के माध्यम से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

जांच के महत्वपूर्ण बिंदु

गोवंशों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता: गौशालाओं में गोवंशों के लिए स्वच्छ पेयजल की क्या स्थिति है, इसका निरीक्षण किया जाएगा।

वर्षा से बचाव की व्यवस्था: गौशालाओं में गोवंशों को बारिश से बचाने के लिए किस प्रकार की व्यवस्था की गई है, इसकी जांच की जाएगी।

मृत गोवंशों के निस्तारण की स्थिति: मृत गोवंशों के उचित निस्तारण की स्थिति का आकलन किया जाएगा।

रात्रि सुरक्षा व्यवस्था: गौशालाओं में रात्रि के समय चौकीदार की व्यवस्था की स्थिति की भी जांच की जाएगी।

स्वास्थ्य परीक्षण: गोवंशों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है या नहीं, इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।

साफ-सफाई और चारा-भूसा की उपलब्धता: गौशालाओं की साफ-सफाई और गोवंशों के लिए चूनी-चोकर, भूसा आदि की उपलब्धता की स्थिति की भी जांच की जाएगी।

आगामी कार्रवाई

यदि जांच में गौशाला कर्मियों की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि सरकार की मंशा है कि गौशालाओं में गोवंशों की उचित देखभाल हो और किसानों को छुट्टा जानवरों से मुक्ति मिले।

उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल में छुट्टा जानवरों की समस्या को हल करने और गौशालाओं में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए आयुक्त द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है। यदि जांच में दोषी पाए गए कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होती है, तो इससे गौशालाओं की स्थिति में सुधार होगा और किसानों को भी राहत मिलेगी।

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