चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (CMS) डॉक्टर दिग्विजय सिंह और अन्य मेडिकल स्टाफ, including नर्सों, के साथ मिलकर फिल्मी गानों पर डांस करते नजर आ रहे हैं।
इस वीडियो में उन्हें ‘स्त्री-2’ फिल्म के लोकप्रिय गाने ‘काटी रात मैंने खेतों में तू आई नहीं…’ पर थिरकते हुए देखा गया। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होते ही कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, और स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर सख्त कदम उठाने की घोषणा की है।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जताई नाराजगी, दिए जांच के आदेश
इस वीडियो को देखकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “वाराणसी के जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स और अधिकारियों ने अस्पताल की गरिमा धूमिल करने की कोशिश की है। इसके लिए उन्हें कड़ी सजा मिलेगी। अस्पतालों में मरीजों को नई जिंदगी मिलती है, लेकिन नर्स और डॉक्टर मिलकर इसकी मर्यादा भंग कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और वीडियो में नजर आ रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस घटना की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
प्रमोशन की खुशी में मनाई गई थी पार्टी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब चार स्टाफ नर्सों का दिवाली से पहले प्रमोशन हुआ था। इसे सेलिब्रेट करने के लिए एक पार्टी का आयोजन किया गया था। यह पार्टी अस्पताल के सेमिनार हॉल में हुई, जहां म्यूजिक सिस्टम भी लगाया गया था। पार्टी में CMS डॉक्टर दिग्विजय सिंह के साथ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर प्रेम प्रकाश सिंह भी डांस फ्लोर पर आ गए। धीरे-धीरे अन्य डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, और नर्सें भी डांस फ्लोर पर शामिल हो गईं। इस दौरान कुछ नर्सें अपनी यूनिफॉर्म में थीं, जबकि कुछ सिविल ड्रेस में नजर आईं। इस डांस पार्टी का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिससे यह तेजी से वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर यूजर्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने इस घटना पर अपने-अपने तरीके से प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, “अस्पताल के आस-पास हॉर्न बजाने पर पाबंदी है, लेकिन यहां खुद अस्पताल के कर्मचारी ऊंची आवाज में म्यूजिक बजाकर डांस कर रहे हैं।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “डॉक्टर और नर्सों का काम मरीजों की देखभाल करना है, न कि शोर मचाकर उन्हें परेशान करना।” कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि अगर इस दौरान किसी मरीज की तबीयत बिगड़ जाती तो जिम्मेदारी कौन लेता?
सवालों के घेरे में अस्पताल प्रशासन
इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर अस्पतालों को अनुशासन और शांति का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की पार्टी और उसमें अस्पताल के सीनियर अधिकारियों का शामिल होना कई लोगों को नागवार गुजरा। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच टीम जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अस्पतालों में इस तरह के आयोजनों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने चाहिए, जिससे इस तरह की अनुशासनहीन घटनाओं को रोका जा सके।