संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट, उत्तर प्रदेश माध्यमिक अवकाश प्राप्त शिक्षक वेलफेयर एसोसियेशन का तीन दिवसीय प्रादेशिक अधिवेशन एवं शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ।
इस आयोजन का शुभारम्भ प्रख्यात साहित्यकार और लेखिका डॉ. नीरजा माधव एवं चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अधिवेशन की यह विशेषता रही कि इसे पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के दिवंगत पिता, संगठन के अध्यक्ष और संरक्षक रहे स्व. हरिनारायण सिंह की पुण्यस्मृति में समर्पित किया गया।
इस अवसर पर संगठन द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी हुआ। उद्घाटन सत्र में शिक्षा और शिक्षकों के हितों के लिए जीवन भर संघर्ष करने वाले दिवंगत शिक्षक नेताओं के परिजनों का सम्मान किया गया।
इसमें स्व. हरिनारायण सिंह के परिजनों सहित सात अन्य दिवंगत शिक्षक नेताओं के परिजनों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. नीरजा माधव ने इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में हरिनारायण सिंह जैसे शिक्षाविदों के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रति सम्मान और उनके योगदान की सराहना करना हमारा कर्तव्य है।
सम्मेलन का स्वागत और योगदान
अधिवेशन के प्रधान संयोजक रमेश चंद्र सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने विशेष रूप से मुख्य अतिथि डॉ. नीरजा माधव और प्रदेश भर से आए सभी वरिष्ठ शिक्षकों का अभिनंदन किया।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि शिक्षकों को जो आज सुविधाएं और अच्छा वेतनमान मिल रहा है, वह स्व. हरिनारायण सिंह जैसे संघर्षशील शिक्षक नेताओं की बदौलत है।
उन्होंने कहा, “हमें उनके संघर्षों को कभी नहीं भूलना चाहिए और शिक्षा तथा शिक्षक हितों के लिए आजीवन प्रयासरत रहना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में शिक्षा जगत में कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना आवश्यक है।
शिक्षकों को पुरानी पेंशन, वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय, व्यावसायिक शिक्षकों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा और कम्प्यूटर शिक्षा में शिक्षकों की नियुक्ति आदि मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
सम्मानित होने वाले दिवंगत शिक्षक नेताओं के परिजन
जिलाध्यक्ष प्रतापनारायण श्रीवास्तव ने बताया कि अधिवेशन के पहले सत्र में जिन दिवंगत शिक्षक नेताओं के परिजनों का सम्मान किया गया, उनमें हरिनारायण सिंह (आजमगढ़), राजाराम पाण्डेय (चित्रकूट), रामतीर्थ उपाध्याय (आजमगढ़), अवधेश सिंह गौर (फर्रुखाबाद), करूणा शंकर शुक्ला (पीलीभीत), शिवशंकर लाल शर्मा (लखनऊ), तेज नारायण पाण्डेय (लखनऊ), हरिशंकर शर्मा (मेरठ) शामिल हैं। परिजनों ने अपने स्वर्गीय संरक्षकों को याद करते हुए भावुक हो गए और इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया।
तीन दिवसीय अधिवेशन में शिक्षकों की जोरदार भागीदारी
सम्मेलन के पहले दिन प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए 300 से अधिक अवकाश प्राप्त शिक्षकों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र का सफल संचालन डॉ. देवेंद्र नाथ मिश्र ने किया। इस दौरान डॉ. कवींद्र, डॉ. बेनीमाधव, कोषाध्यक्ष रामजपित सिंह, बृजेंद्र कुमार श्रीमाली, राजकुमार बाजपेई, कमलाकांत शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आरंभ में आए हुए सभी अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन स्थल का विशेष महत्व
इस सम्मेलन का आयोजन चित्रकूट में हुआ, जो भगवान राम की वनवास भूमि के रूप में प्रसिद्ध है। परिजनों और वरिष्ठ शिक्षकों ने कहा कि इस पवित्र भूमि से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त कर हमें अपने जीवन को समाज और देश की उन्नति के लिए समर्पित करना चाहिए।
अधिवेशन के पहले दिन पंजीकरण काउंटर पर रामशंकर वर्मा और मोहित बाजपेई का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने पूरे आयोजन को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका निभाई।
इस प्रकार, अवकाश प्राप्त शिक्षकों के इस सम्मेलन ने शिक्षा और शिक्षक हितों की दिशा में नए आयाम स्थापित करने का संकल्प लिया।