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November 21, 2024 11:26 pm

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…भाजपा हार रही है नौ की नौ… अखिलेश ने लपेटा बीजेपी को

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में आगामी नौ विधानसभा उपचुनावों के संदर्भ में एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इन सभी नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी की जीत होगी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सभी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ेगा।

सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी पर निशाना

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी उपचुनाव से पहले निराशाजनक और नकारात्मक बातें फैला रही है, जो उन लोगों का गुण होता है जिनके पास अपनी कोई उल्लेखनीय उपलब्धि नहीं होती। उन्होंने बीजेपी पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी के नेता अपनी असफलताओं और नाकामियों को छिपाने के लिए दूसरों पर बयानबाजी करते हैं।

अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा, “डरे हुए इंसान की सबसे बड़ी पहचान होती है उसकी नकारात्मक बातें। जिनके पास अपनी कोई उपलब्धि नहीं होती वो दूसरों की बात करते हैं। नकली मुस्कान असलियत नहीं छुपा सकती।”

बीजेपी की हार का दावा

अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने उपचुनाव में बीजेपी की संभावित हार का दावा करते हुए लिखा कि ‘सौ की सौ’, भाजपा उपचुनाव में हार रही ‘नौ की नौ’। इस बयान के माध्यम से उन्होंने इशारा किया कि बीजेपी अपनी विफलताओं को ढकने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता अब उनकी हकीकत से वाकिफ हो चुकी है। अखिलेश का यह बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि उन्हें आगामी उपचुनावों में समाजवादी पार्टी की जीत का पूरा भरोसा है।

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाया

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश का राजनीतिक माहौल और भी गरमा गया है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन उपचुनावों का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह विधानसभा चुनाव से पहले का एक अहम परीक्षण माना जा रहा है। इन उपचुनावों के परिणाम आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए भी एक संकेतक हो सकते हैं।

उपचुनावों का महत्व

उत्तर प्रदेश में होने वाले इन नौ विधानसभा उपचुनावों को विभिन्न राजनीतिक दल अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी को इन चुनावों में अपनी पकड़ बरकरार रखने की चुनौती है, जबकि समाजवादी पार्टी इसे अपने समर्थन को पुनः स्थापित करने के अवसर के रूप में देख रही है।

अखिलेश यादव के इस आक्रामक रुख से यह साफ हो गया है कि समाजवादी पार्टी ने इन उपचुनावों को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। अब देखना होगा कि इन चुनावों के नतीजे क्या मोड़ लेते हैं और किस पार्टी को जनता का समर्थन मिलता है।

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