कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक अनोखी प्रेम कहानी ने समाज का ध्यान खींचा है।
लुधियाना में एक फैक्ट्री में काम करने वाले अखिलेश कुमार और मुस्लिम युवती नूरी के बीच पिछले डेढ़ साल से प्रेम संबंध था। अलग-अलग मजहब से ताल्लुक रखने के कारण उनके परिवार वाले इस रिश्ते को मंजूरी देने के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से अखिलेश और नूरी ने समाज के बंधनों को पार कर एक साथ रहने का फैसला किया।
प्रेमिका नूरी ने हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया और माता काली मंदिर में पूरे रीति-रिवाज के साथ अखिलेश से शादी कर ली। इस प्रक्रिया में नूरी ने अपना नाम बदलकर निशा रखा।
उनकी शादी हिंदू शेर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास हिंदू की देखरेख में संपन्न हुई। जहां नूरी के परिवारवालों ने इस विवाह से दूरी बनाए रखी, वहीं अखिलेश के परिवार ने निशा को अपने घर में खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
अखिलेश, जो सीतापुर के मछरेहटा का निवासी है, ने बताया कि बहराइच की हालिया हिंसा ने उनके जीवन पर गहरा असर डाला। इसी घटना ने नूरी को अपनी आस्था पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया।
नूरी ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म को अपनाते हुए अपने प्रेम के साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया। विवाह के बाद निशा ने कहा, “मैंने अपने निर्णय पूरी तरह से अपनी मर्जी से लिया है। पिछले डेढ़ साल से हमारा प्रेम संबंध था, और मैंने महसूस किया कि जिस धर्म में हिंसा हो, उसमें रहना मेरे लिए सही नहीं है। मैंने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया और अखिलेश के साथ सात फेरे लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की है।”
इस घटना ने समाज में कई चर्चाओं को जन्म दिया है। जहां कुछ लोग इसे एक साहसी कदम के रूप में देख रहे हैं, वहीं अन्य इसके सामाजिक और धार्मिक प्रभावों पर विचार कर रहे हैं।