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November 22, 2024 2:10 am

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लोकसंगीत की ‘बिहार कोकिला’ शारदा सिन्हा का निधन : सुमधुर स्वर की अनंत गूंज थमी

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं।

सिन्हा को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण ‘रिफ्रैक्टरी शॉक’ के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात लोक गायिका शारदा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं।” उन्होंने कहा, “आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बिहार कोकिला के नाम से मशहूर व पद्म भूषण से सम्मानित, सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार दुःखद है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ से भोजपुरी व मैथिली लोकगीतों को देश-विदेश में ख्याति दिलाई। ख़ासकर महापर्व छठ पर उनकी गायकी उनके श्रोताओं को ख़ूब याद आएगी।” उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवारजनों व प्रशंसकों को हमारी गहरी संवेदनाएं।”

इससे पहले एम्स ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया था कि सिन्हा की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार नजर रख रहे हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीत गाए थे और वह पद्म भूषण से भी सम्मानित थीं। सिन्हा को मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) था और स्वास्थ्य जटिलता उत्पन्न होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर एवं सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा एवं विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मशहूर थीं।

सिन्हा के कुछ लोकप्रिय गीतों में “छठी मैया आई ना दुआरिया”, “कार्तिक मास इजोरिया”, “द्वार छेकाई”, “पटना से”, और “कोयल बिन” हैं। इसके अलावा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं।

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