ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक गिरोह सक्रिय है, जो लड़कों को अपने जाल में फंसाकर उनसे वसूली करता है। पुलिस ने इस गिरोह की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर की गई है, जिसमें पीड़ित ने बताया कि उसे फर्जी आरोपों में फंसाकर पैसे की मांग की गई थी।पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह की लड़कियां लड़कों को पहले शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव देती हैं। जब लड़के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेते हैं, तो उनमें से एक लड़की उनके साथ संबंध बनाती है, जबकि दूसरी लड़कियां इसकी गुप्त रिकॉर्डिंग कर लेती हैं। इसके बाद वीडियो का इस्तेमाल करते हुए पैसे की मांग की जाती है। अगर लड़का उनकी मांगों को मान लेता है और पैसे दे देता है तो मामला वहीं दबा दिया जाता है, अन्यथा उसके खिलाफ बलात्कार का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है।पुलिस ने आगरा में कटरा वजीरा खां के निवासी अजय तोमर के मामले की जांच के दौरान इस गिरोह की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया। अजय ने 9 अक्टूबर को एक लड़की के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसने अपना नाम सोनी वाल्मीकि बताया था। पुलिस जांच में पता चला कि लड़की ने फर्जी नाम और पहचान का इस्तेमाल किया था। अजय के परिजनों ने पुलिस को कुछ कॉल रिकॉर्डिंग भी सौंपी, जिसमें लड़की ने पहले 15 लाख रुपये की मांग की थी और फिर 5 लाख रुपये की पेशकश की गई थी कि मामला वहीं सुलझा दिया जाएगा।आगरा पुलिस ने दिल्ली की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया है और एक अन्य लड़की, जो आगरा की निवासी है, उसकी तलाश में है। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का मास्टरमाइंड शाइस्ता परवीन नाम की एक महिला है, जो दिल्ली में रहती है। शाइस्ता की दोस्ती आगरा की टीपी नगर की निवासी तनु की बहन के माध्यम से हुई थी। इसके बाद तनु की दोस्ती शाइस्ता और ज्योति से हुई, जिन्होंने मिलकर अजय को फंसाने की योजना बनाई। शाइस्ता ने पहले अजय के साथ दोस्ती की, और फिर उसे ब्लैकमेल करने के लिए शारीरिक संबंध बनाए।फिलहाल पुलिस तनु सहित एक और लड़की की तलाश में जुटी हुई है, ताकि इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके।