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December 14, 2024 5:48 am

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माफियाओं की धमकी से बेपरवाह और मुखतार जैसे बाहुबली की नकेल कसने वाली आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल को मिला “राष्ट्रपति पुरस्कार”

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संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की पूर्व जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को जल संरक्षण और हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। वर्तमान में लखीमपुर खीरी की डीएम के पद पर कार्यरत नागपाल ने बांदा जिले में जल प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार कार्यक्रम में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।

इस पुरस्कार को उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों के साथ-साथ दुर्गा शक्ति नागपाल को भी इस सफलता के लिए बधाई दी। प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ, जबकि उड़ीसा पहले स्थान पर रहा और गुजरात व पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला।

बांदा जिले को जल संरक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ जिला का खिताब मिला, जिसे दुर्गा शक्ति नागपाल ने राष्ट्रपति से ग्रहण किया। उन्होंने इसे बांदा के लोगों के सामर्थ्य और हौसले को समर्पित किया। नागपाल ने कहा कि यह सफलता जिला प्रशासन के सभी साथियों और बुंदेलखंड के मेहनती लोगों की मेहनत का परिणाम है।

दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम पहली बार राष्ट्रीय चर्चा में तब आया था जब उन्होंने 2009 में गौतमबुद्ध नगर में अवैध रेत खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। उस समय उन्होंने माफियाओं के खिलाफ 66 एफआईआर दर्ज कराई थीं। इस साहसिक कार्रवाई के कारण उन्हें खनन माफियाओं और नेताओं से धमकियां मिली थीं, लेकिन वह अपने काम से पीछे नहीं हटीं। इसके बाद 2013 में, नोएडा में एक विवादास्पद कार्रवाई के चलते तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था, जिसके बाद वह चर्चाओं में बनी रहीं।

नागपाल छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से हैं और उन्होंने दिल्ली से अपनी पढ़ाई पूरी की। 2009 में आईएएस परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल कर उन्होंने आईएएस पद प्राप्त किया। उनकी शादी अभिषेक सिंह, जो खुद एक आईएएस अधिकारी हैं, के बाद वह उत्तर प्रदेश कैडर में आ गईं। अपने साहसिक और सख्त फैसलों के कारण वह एक प्रभावी प्रशासक के रूप में जानी जाती हैं।

उत्तर प्रदेश में जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में उनकी भूमिका को देखते हुए यह पुरस्कार प्रदेश और जिला दोनों के लिए गर्व का विषय है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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