चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान जो कुछ हुआ उसे सुनकर आपके आंखों में आंसू आ जाएगा। मूर्ति विसर्जन को लेकर निकाली गई जुलूस के दौरान डीजे पर मुस्लिम विरोधी गाने बजाये जा रहे थे।
जिसको लेकर हिंसा भड़क जाती है। इस हिंसा के दौरान एक हिंदू युवक की हत्या कर दी जाती है। इसके बाद हिंदुओं में आक्रोश भर गया है। सोमवार की सुबह करीब 7:30 बजे पोस्टमार्टम के बाद रामगोपाल का के शव को घर पहुंचाया गया। फिर इसके अंतिम संस्कार के लिए अंतिम यात्रा निकाली गई।
गुस्साई भीड़ ने किया ये काम
इस अंतिम यात्रा में 5-6 हजार लोग शामिल हुए। भीड़ आक्रोश और गुस्से से भरी हुई थी। इस भीड़ के पास लाठी डंडे भी थे। गुस्साई भीड़ शव को लेकर सीधे महसी तहसील पहुंचती है। फिर सड़क जामकर प्रदर्शन करना शुरू कर देती है। इसके बाद जो हुआ वो इस युवक के साथ हुई घटना से भी ज्यादा भयावह है। दरअसल इसके बाद भीड़ दो हिस्सों में बंट जाती है और करीब दो हजार लोग कस्बे और कबड़ियनपुरवा में घुस जाते हैं। जहां तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर देते हैं।
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर मौन रहने के लगाए आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब घरों में आग लगाई जा रही थी, तब पुलिस प्रशासन भी मौन बना हुआ था। इस आगजनी और तोड़फोड़ के बाद गांव के लोगों का कहना है कि, अब खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। घरों के सामान के साथ अनाज को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया है। बताया जा रहा है कि गांव में हर तरफ पुलिस तैनात है। लोगों के आवागमन को बंद कर दिया गया है।
मुस्लिम बच्ची को जिंदा जलाने की हुई कोशिश
आगजनी में एक लड़की को जिंदा जलाने की कोशिश करने की घटना भी सामने आई है। इस बारे में लड़की के पिता कलीम ने रोते हुए बताया कि, ‘ मेरी ही आंखों के सामने ही मेरी लड़की को जलाया जा रहा था। उन्होंने इस घटना के बारे में बताया कि, मेरी ही मोटरसाइकिल से पंप निकाला और आग लगा दी।’ कलीम चाहकर भी अपनी बेटी को बचा नहीं पा रहे थे। दूर से देखते ही रह गए।
आप इसके बारे में सोचिए कि आपकी बच्ची को आपके सामने जिंदा जलाने की कोशिश की जा रही हो लेकिन आप उसे बचा नहीं सके तो आपके दिल में क्या गुजरेगी। ज़रा सोच कर देखिएगा। इस हिंसा ने कितने लोगों के घर उजर जाते हैं। लेकिन लोग फिर भी ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं। इस बारे में कलीम ने आगे बताया कि, आखिर में वो अपनी बेटी को बचाने में कामयाब हो जाता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."