नौशाद अली की रिपोर्ट
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग हो चुकी है, और दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इसके पहले ही विभिन्न एग्जिट पोल के परिणाम सामने आ चुके हैं, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि किस पार्टी को बढ़त मिल सकती है।
इन एग्जिट पोल के नतीजों के बाद पक्ष-विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का भी बयान सुर्खियों में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब बृजभूषण शरण सिंह से पूछा गया कि उन्हें क्या लगता है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कौन सरकार बनाएगा, तो उन्होंने कहा कि वे देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा की सरकार बनेगी। हालांकि, हरियाणा के बारे में उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हरियाणा के बारे में बोलने की अनुमति नहीं है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब बृजभूषण शरण सिंह पहले से ही विवादों में घिरे हुए हैं। भाजपा ने उन्हें हाल ही में सलाह दी थी कि वे पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ कोई बयानबाजी न करें। यह मामला तब उभरा जब विनेश फोगाट ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया, जिसके बाद बृजभूषण शरण सिंह ने उन पर और बजरंग पूनिया पर निशाना साधा था।
पूर्व WFI प्रमुख ने आरोप लगाया था कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कुश्ती के क्षेत्र में नाम और शोहरत तो कमाई, लेकिन कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विनेश और बजरंग ने कुश्ती का माहौल खराब किया है और कांग्रेस इन दोनों को हरियाणा चुनाव में एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
बृजभूषण शरण सिंह के इन बयानों के बाद राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रियाएँ तेज हो गई हैं, और भाजपा की इस सलाह को लेकर चर्चा चल रही है कि आखिर क्यों उन्हें बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया है।
Author: samachar
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