ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तहसील दिवस के अवसर पर एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन की मौजूदगी में तहसील दिवस का आयोजन हो रहा था, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। इस भीड़ के बीच कुछ लोगों ने एक व्यक्ति को पकड़कर डीएम और एसपी के सामने पेश किया। यह व्यक्ति काले चश्मे में था और खुद को लेखपाल बताकर फर्जी रिपोर्ट बना रहा था।
आरोप था कि यह व्यक्ति ₹300 लेकर जाति प्रमाण पत्र के लिए फर्जी रिपोर्ट तैयार कर रहा था।
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने तुरंत ही कोतवाल को बुलाकर इस फर्जी लेखपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
यह घटना केवल एक उदाहरण है कि कैसे तहसील सदर में प्राइवेट दलाल और फर्जी कर्मचारी खुलेआम सक्रिय हैं, जो पैसा लेकर फर्जी रिपोर्ट बनाने का काम करते हैं।
तहसील में आने वाले कई फरियादियों ने आरोप लगाया कि यहाँ सरकारी कर्मचारियों और प्राइवेट दलालों के बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं दिखता।
कई बार ये दलाल सरकारी कुर्सियों पर बैठकर खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर भोले-भाले ग्रामीणों से पैसे ऐंठते हैं। इससे न केवल लोगों के दस्तावेज़ गायब हो जाते हैं, बल्कि उनका काम भी अधूरा रह जाता है।
फर्जी लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले की जांच की जा रही है। पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है और आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।
Author: samachar
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