अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में एक अनोखा और अस्थायी जिला बनाने की योजना तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले का सफल आयोजन सुनिश्चित करना है।
यह जिला प्रयागराज के 40 से 45 गांवों को मिलाकर अस्थायी रूप से “महाकुंभ नगर” के नाम से स्थापित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जिले के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए सर्वेक्षण भी किया जा रहा है। इस अस्थायी जिले का मुख्य मकसद महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करना है।
महाकुंभ-2025 का आयोजन प्रयागराज में 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में किया जाएगा, जो पहले के मुकाबले काफी विस्तृत होगा। इसके लिए एक विशेष प्रशासनिक इकाई स्थापित की जाएगी, जिसमें अलग डीएम (जिलाधिकारी) और पुलिस महकमा होगा। इस क्षेत्र में पार्किंग स्थलों और अन्य सुविधाओं को लेकर विशेष योजना बनाई जा रही है, ताकि मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
इस बार प्रयागराज जिला और मेला प्रशासन के बीच किसी भी तरह के सीमा विवाद को रोकने के लिए सभी संबंधित गांवों को पूरी तरह से महाकुंभ नगर में शामिल किया जाएगा।
महाकुंभ-2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, जिसमें तीन प्रमुख शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर, दूसरा 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन और तीसरा 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर होगा। इसके अलावा 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान भी प्रमुख रहेगा।
महाकुंभ का आयोजन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार ग्रहों और राशियों की स्थिति को देखते हुए किया जाता है। 2025 में बृहस्पति वृष राशि में होगा और सूर्य एवं चन्द्रमा मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके कारण प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होगा। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और इसे आस्था और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
Author: samachar
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