Explore

Search

November 1, 2024 2:56 pm

ऐसा क्या कर दिया अखिलेश ने कि हो रही है फजीहत? पढिए पूरी खबर

1 Views

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इन दिनों विवादों के घेरे में हैं। इसकी वजह है उनकी पार्टी द्वारा की गई जातिगत राजनीति, जो एक घटना के गलत विवरण के कारण और उलझ गई। फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के पुरबुजुर्ग चौराहा पर दलित समाज के दो सगे भाई एक चाय-समोसे की दुकान में समोसा खा रहे थे, जब उन पर दबंगों ने हमला कर दिया। इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया गया, जिसमें राजपूत समुदाय को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ऊँची जातियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया।

सपा के आईटी सेल द्वारा किए गए इस ट्वीट में कहा गया था कि नशे में धुत अंकित सिंह और नरेंद्र सिंह ने सत्ता और शराब के नशे में एक दलित व्यक्ति पर इसलिए हमला किया क्योंकि वह कुर्सी पर बैठकर समोसा खा रहा था। पार्टी ने आरोप लगाया कि चूंकि आरोपी “सिंह” (जो आमतौर पर राजपूत उपनाम होता है) हैं, इसलिए न तो उनका एनकाउंटर होगा और न ही उनके घर पर बुलडोजर चलेगा, जैसा कि योगी सरकार अक्सर करती है।

हालांकि, इस पोस्ट के कुछ ही समय बाद यह सामने आया कि हमलावर राजपूत नहीं बल्कि यादव जाति के थे। हमले के एक आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस की जांच में पता चला कि अंकित सिंह और नरेंद्र सिंह यादव जाति से आते हैं। जैसे ही समाजवादी पार्टी को इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत अपना पोस्ट डिलीट कर दिया।

इस घटना ने अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। सपा द्वारा पहले बिना सत्यापन के जातिगत आरोप लगाने और फिर उसे तुरंत हटाने के कारण लोगों में नाराज़गी बढ़ गई है। लोग इसे जाति की राजनीति का एक और घिनौना उदाहरण मान रहे हैं, जहां बिना सही जानकारी के आरोप लगाए जाते हैं, जिससे समाज में और अधिक विभाजन पैदा होता है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."