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November 22, 2024 4:00 am

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29 साल तक पति से बिना कारण अलग रहने वाली महिला के खिलाफ फैसले ने सबके कान खड़े कर दिए,पढिए क्या है मामला

26 पाठकों ने अब तक पढा

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

बलिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अजीबो-गरीब मामले की सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच 29 साल से चल रहे विवाद को देखते हुए तलाक देने का आदेश दिया है। 

कोर्ट ने इसे मानव क्रूरता का मामला करार दिया, जिससे यह साफ हो गया कि दोनों के बीच वैवाहिक जीवन बचाना अब संभव नहीं है।

यह मामला उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी बसंत कुमार और बलिया की एक युवती के बीच का है। बसंत कुमार पेशे से इंजीनियर हैं, और उनकी शादी 29 अप्रैल 1992 को बलिया की युवती से हुई थी। शादी के बाद, पत्नी केवल दो साल तक उनके साथ रही और फिर स्थायी रूप से अपने मायके बलिया चली गई। इसके बाद, पति ने हरिद्वार में तलाक का मुकदमा दायर किया।

पत्नी के गुस्से के चलते उसने पति और उसके नाबालिग भाई-बहनों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य गंभीर धाराओं में आपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया। 

इस मुकदमे की कार्यवाही बलिया स्थानांतरित कर दी गई। हालांकि, पत्नी के भाई ने अदालत में दहेज मांगने के आरोपों को झूठा बताया। इसके बावजूद, बलिया की ट्रायल कोर्ट ने तलाक के आवेदन को खारिज कर दिया।

इस फैसले के खिलाफ, बसंत कुमार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने बलिया ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और पति के तलाक के आवेदन को मंजूरी दे दी। 

कोर्ट ने कहा कि पत्नी का पति और उसके परिवार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराना और 29 साल से अलग रहना मानव क्रूरता है। इस प्रकार, हाईकोर्ट ने तलाक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया, जिससे इस लंबे विवाद का अंत हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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