परवेज अंसारी की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस द्वारा 22 अगस्त, 2024 को विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर 14 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इन पर आतंकी संगठन अलकायदा के लिए काम करने का आरोप है। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि ये संदिग्ध देश में बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे थे।
इन सभी पर आतंकी संगठन अलकायदा के लिए काम करने का आरोप है। अब पूछताछ में इस नेटवर्क के कई खतरनाक मंसूबों का खुलासा हुआ है। ये लोग यमन में अमेरिकी सेना द्वारा मार गिराए गए एक आतंकी के वीडियो अक्सर सुनते थे। इसी के साथ इन्होंने मुंबई से अहमदाबाद तक रेकी की थी और फर्जी नामों से बैंकों के खाते खोले थे। पकड़े गए आतंकियों का नेटवर्क पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी पाया गया है।
मुख्य संदिग्ध रिज़वान अली और शाहनवाज आलम ISIS मॉड्यूल को खड़ा कर रहे थे। इनकी मुलाकात शाहीन बाग में हुई और दोनों ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में अपना नेटवर्क फैलाना शुरू किया। रिज़वान बम बनाने में माहिर है और शाहनवाज IED में विशेषज्ञता रखता है।
रिज़वान और शाहनवाज ने एक हिन्दू नर्सिंग छात्रा, बसंती, को इस्लाम कबूल करवाया और उसका नाम बदलकर खुदीजा मरियम रखा। बाद में शाहनवाज ने उससे निकाह किया। इस निकाह का उद्देश्य फर्जी बैंक खातों के माध्यम से पैसे का लेन-देन करना था। दोनों ने दिल्ली में यमुना नदी के किनारे बम की टेस्टिंग की, जो पहले असफल रही लेकिन बाद में सफल हो गई।
इन संदिग्धों ने मुंबई के नरीमन पॉइंट और कोलाबा क्षेत्रों की रेकी की, जहां यहूदियों के निवास स्थान थे। वे गुजरात के कई शहरों में भी गए, जहां उन्होंने हिन्दू संगठनों और अन्य स्थलों की विडियोग्राफी की। इनका उद्देश्य गोधरा कांड का बदला लेना था।
यह मॉड्यूल टेलीग्राम के माध्यम से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कट्टरपंथियों से जुड़ा हुआ था, और उन्हें पाकिस्तानी हैंडलर अबू सुलेमान द्वारा निर्देशित किया जा रहा था।
पुणे में इनका एक ठिकाना भी था, जहां वे बम बनाने की योजना बना रहे थे। फिलहाल, दिल्ली पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर रही है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."