ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
साह टाऊन के एक मौलवी, नसीब खान, पर अपनी सगी बेटी के साथ दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगा है। इस शर्मनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। मौलवी की उम्र 55 वर्ष है, और उनकी बेटी 25 वर्ष की है।
इस घटना ने समाज में गहरी नाराजगी और आक्रोश पैदा कर दिया है।
घटना का खुलासा तब हुआ जब नसीब खान की बेटी ने साह टाऊन के पुलिस स्टेशन में अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तुरंत मौलवी को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मौलवी ने खुद इस घिनौने अपराध को कबूल किया।
मौलवी ने बयान दिया कि उसकी पत्नी बीमार थी और इसी कारण उसने अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने बताया कि वह पहले भी 5-6 बार अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म कर चुका है। जब लोगों ने उससे पूछा कि उसने अपनी सगी बेटी के साथ ऐसा घिनौना कृत्य क्यों किया, तो उसने कहा, “मैं बहुत शर्मिंदा हूँ।”
इस घटना के बाद साह टाऊन के लोग गहरे सदमे में हैं और उन्होंने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह का घिनौना कार्य करने से पहले सौ बार सोचे।
पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपी को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। ऐसी घटनाओं के बढ़ते मामलों से यह साफ हो गया है कि समाज में मानसिकता को बदलने और शिक्षा के माध्यम से नैतिकता का पाठ पढ़ाने की आवश्यकता है।
मौलवी अपनी बेटी के साथ रेप करते हुए पकड़ा गया 😳
नाम मुस्ताक अहमद अपनी बेटी को ही पेल दिया
इनसे पूछा गया की आपने अपनी बेटी के साथ ऐसा क्यों किया तो उनकाजवाब : बेगम बीमार थी इसलिए हवस मिटाने के लिए बेटी की गुफा मे उंगली डाल दी
इस्लाम की खूबसूरती देख रहे हो 😌 pic.twitter.com/ISWH20uwtJ
— Bharatrastrasena (@Bharatrastrsena) August 24, 2024
इस शर्मनाक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और यह स्पष्ट किया है कि महिलाओं और बच्चियों के प्रति सुरक्षा और सम्मान का अभाव आज भी समाज में विद्यमान है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में न्यायालय क्या फैसला सुनाती है और आरोपी को कैसे सजा मिलती है।
समाज में जागरूकता की जरूरत
इस घटना के बाद समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों के साथ-साथ समाज में नैतिकता का स्तर बढ़ाने की भी जरूरत है।
इस घटना ने यह संदेश दिया है कि केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है।
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Author: samachar
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