जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ में पत्रकारिता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहचान रखने वाले वेद प्रकाश सिंह उर्फ लल्ला का हाल ही में निधन हो गया। वे गरीब, मजलूम और दुखित जनों की आवाज बनकर काम करते थे और गांव, गली, बाजार की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करते थे। वे पत्रकारिता को जीने का साधन नहीं मानते थे, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर चुके थे।
दो दशक से भी अधिक समय तक पत्रकारिता में सक्रिय रहने के दौरान वे दैनिक जागरण, आज और अन्य प्रमुख समाचार पत्रों के लिए काम करते रहे। उनके अपराध विभाग से जुड़े समाचार हमेशा महत्वपूर्ण होते थे, और उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई समाचार पत्र उनके साथ जुड़े रहने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन वे अपने सम्मान और प्रतिष्ठा के साथ ही समाचार संचालन करते रहे और अन्य पेपरों में भी समाचार आदान-प्रदान करते रहे।
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हाल ही में, वे अपने घर जहानागंज से जनपद मुख्यालय की ओर आ रहे थे, तभी एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए जनपद मुख्यालय और फिर लखनऊ के वेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों और उनके परिजनों ने जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए। वे इस दुनिया को अलविदा कह गए, जिससे परिवार, दोस्तों और पत्रकारों में गहरा शोक फैल गया।
उनकी मृत्यु की खबर जैसे ही जनपद में पहुंची, पत्रकारों, अधिकारियों और कर्मचारियों को विश्वास नहीं हुआ। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए लखनऊ से भारी संख्या में लोग आ रहे थे, जिनमें संदीप अस्थाना, देवेंद्र मिश्रा, राजेश पाठक, आज के ब्यूरो चीफ विनोद कुमार सिंह और आशुतोष द्विवेदी शामिल थे।
इस बीच, पत्रकारिता क्षेत्र में उनके दुर्घटना को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या यह एक साजिश थी। हालांकि, यह जांच का विषय है, लेकिन उनकी मौत से सभी लोग गहरे सदमे में हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."