ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
झांसी में एक बेहद शर्मनाक और दर्दनाक घटना घटी है, जिसमें तीन युवकों ने मिलकर एक 17 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर लिया और चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म किया।
इस घिनौनी हरकत के बाद, एक आरोपी ने पीड़िता की मांग में सिंदूर भरा और उसे बिछिया पहनाई। फिर उसे जान से मारने की धमकी देते हुए, आरोपी उसे शिवपुरी हाईवे पर बदहवास हालत में छोड़कर भाग गए।
इस अमानवीय घटना के बाद, लगभग पांच घंटे तक पीड़िता सदमे में थी और सीधे अपने घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। आखिरकार, वह सुबह 11 बजे अपनी बुआ के घर पहुंची और डरते हुए अपनी आपबीती सुनाई। बुआ ने तुरंत इसकी सूचना पीड़िता के माता-पिता को दी, जिसके बाद मंगलवार शाम को घटना की जानकारी पुलिस को दी गई।
हालांकि, पुलिस की शुरुआती प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी, तो पुलिस ने उन्हें अगले दिन सुबह आने के लिए कहा और रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की। बुधवार सुबह, पीड़िता और उसके परिजन थाने पहुंचे, लेकिन एफआईआर दोपहर तीन बजे के बाद दर्ज की गई।
झांसी के सदर क्षेत्र की क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी ने बताया कि इस मामले में सोनू, मनीष पांडेय और एक अज्ञात कार चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने सोनू को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर भी एक गंभीर चिंता पैदा करती है। पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।
Author: samachar
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