Explore

Search

November 7, 2024 6:36 pm

लेटेस्ट न्यूज़

औपचारिक वृक्षारोपण ; पौधे लगे, अधिकारियों ने फोटो खिंचवाई, मीडिया ने तरजीह भी दी लेकिन हकीकत पढिए क्या होता है❓

9 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया जिले में वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा पौधरोपण अभियान महज औपचारिकता बनकर रह गया है। पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल की कमी के चलते अधिकांश पौधे सूख जाते हैं। न तो वन विभाग और न ही जिला प्रशासन इस बात की चिंता करता है कि लगाए गए पौधे जीवित रहें। 

यही कारण है कि जिले में हर साल लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में अधिकांश पौधे नष्ट हो जाते हैं। पिछले पांच वर्षों में जिले में लगभग डेढ़ करोड़ पौधे लगाए गए, लेकिन इनमें से कितने पौधे बचे हैं, इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इस वर्ष का लक्ष्य लगभग 32 लाख पौधे लगाने का है, लेकिन रखरखाव के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है।

पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए हर साल जिले में लाखों पौधे लगाए जाते हैं। इसके लिए शासन द्वारा अभियान चलाकर हर विभाग को पौधरोपण का लक्ष्य दिया जाता है। जुलाई माह में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक खाली पड़ी सरकारी जमीनों, कार्यालय परिसरों और इच्छुक किसानों की जमीनों पर पौधे लगाए जाते हैं।

इस वर्ष का लक्ष्य 32 लाख पौधे लगाने का है। पौधरोपण में अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं, लेकिन पौधे लगाने के बाद उनकी देखभाल पर ध्यान नहीं दिया जाता। परिणामस्वरूप, कुछ पौधे सूख जाते हैं और कुछ को जानवर नष्ट कर देते हैं।

पिछले पांच वर्षों में पौधरोपण के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018-19 में 11,17,718, 2019-20 में 39,33,120, 2020-21 में 26,22,390, 2021-22 में 30,88,598 और 2022-23 में 33,37,724 पौधे लगाए गए थे। इस वर्ष 40 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। इनमें शीशम, सागौन के अलावा फलदार वृक्षों के पौधे भी शामिल हैं। पौधे लगाने और उनके रखरखाव पर कागजों में लाखों रुपये खर्च किए गए।

उदाहरण के लिए, 2019-20 में गांधी जयंती के अवसर पर तरकुलवा ब्लॉक के सिरवनियां गांव में समारोह आयोजित कर हजारों पेड़ लगाए गए थे। इसी प्रकार, बैकुंठपुर में छोटी गंडक नदी के किनारे भी समारोह आयोजित कर काफी संख्या में पौधे लगाए गए। इन कार्यक्रमों में सांसद और मंत्री ने भी हिस्सा लिया था। जिले में कई ऐसे स्थान हैं जहां समारोहपूर्वक पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इनमें से कितने पौधे बचे हैं, इसकी जानकारी वन विभाग के पास भी नहीं है।

इस वर्ष पौधरोपण का आंकड़ा स्क्वायर मीटर में रखा जाएगा। 20 जुलाई को सरकारी स्तर पर महा अभियान चलाकर जिले में 31,57,360 पौधे लगाए जाएंगे। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह के अनुसार, गंडक नदी के डूब क्षेत्र में विशेष अभियान के तहत बड़े-बड़े पैचों में वृक्षारोपण किया जाएगा। पैच का आंकड़ा स्क्वायर मीटर में रखा जाएगा, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जनपद के वन क्षेत्र में कितने स्क्वायर मीटर की वृद्धि हुई है। पौधरोपण अभियान में 23,32,360 पौधे जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा लगाए जाएंगे, जबकि 8,25,000 पौधे वन विभाग द्वारा लगाए जाएंगे।

डीएम अखंड प्रताप सिंह ने पौधरोपण महाअभियान को सफल बनाने के लिए निर्देश दिए हैं कि पौधे लगाने से पहले गड्ढों की खुदाई समय रहते कर ली जाए, ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति अनुकूलतम स्थिति में पहुंच सके। वृक्षारोपण के बाद पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए जाएं।

उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण सिर्फ औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि जिले के हरित क्षेत्र में वास्तविक वृद्धि होनी चाहिए, जो शासन की मंशा के अनुरूप हो।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़