इरफान अली लारी की रिपोर्ट
एक छोटे से गाँव की गलियों से शुरू हुआ प्रेम और छिप-छिपकर मिलना, फिर एक-दूसरे के हाथों में हाथ डालकर घंटों बातें करना और साथ जीने-मरने की कसमें खाना, यही थी उर्मिला मौर्या और ओमशंकर द्विवेदी की प्रेम कहानी। उन्होंने साथ रहने का वादा किया था, लेकिन जब उनकी किशोरावस्था का प्यार मंजिल तक नहीं पहुंच पाया, तो दोनों ने अलग-अलग शादी कर ली। पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुछ समय बाद, उर्मिला की शादी टूट गई और वह अपने मायके वापस आ गई। यहाँ उसकी मुलाकात फिर से ओमशंकर से हुई और उनका 15 साल पुराना प्यार फिर से जाग उठा।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के संग्रामपुर इलाके में ओमशंकर की दुकान उर्मिला के घर के ठीक सामने थी। उर्मिला अक्सर बहाने से उसकी दुकान पर जाती और दोनों घंटों बातें करते। गाँववालों की नजरों से बचते हुए उनकी मुलाकातें जारी थीं। लेकिन 26 जून को अचानक उर्मिला गायब हो गई। बहुत खोजबीन के बाद भी जब वह नहीं मिली, तो उसका भाई ज्ञानेंद्र मौर्या पुलिस में शिकायत दर्ज कराता है। ज्ञानेंद्र ने बताया कि 34 वर्षीय उर्मिला सुबह करीब 10 बजे घर से गोरखपुर बैंक जाने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। दोपहर 12 बजे के बाद से उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था।
ज्ञानेंद्र की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उर्मिला की तलाश शुरू की। मुखबिरों को सक्रिय किया गया और आसपास के थानों में उसकी तस्वीर भेज दी गई। अगले दिन खबर मिली कि छाछा गाँव के पास एक महिला की लाश मिली है। पुलिस मौके पर पहुंची और पता चला कि वह लाश उर्मिला की ही थी। उसे सिर पर गोली मारी गई थी। इलाके में हड़कंप मच गया। सवाल उठने लगे कि आखिर कौन था जिसने इतनी बेरहमी से उर्मिला की जान ली और क्यों?
जांच के दौरान पुलिस को मुखबिरों से पता चला कि उर्मिला के प्रेम संबंध गाँव के ही ओमशंकर से थे। पुलिस ने शक के आधार पर ओमशंकर को पूछताछ के लिए बुलाने के मकसद से उसके घर पहुंची, लेकिन वह वहाँ नहीं मिला। इसी बीच खबर मिली कि ओमशंकर को मेला बगिया चौराहे के पास देखा गया है। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और ओमशंकर को देखकर वह भागने लगा। पुलिस ने उसे पकड़ लिया और थाने लाकर पूछताछ की। पूछताछ में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी सामने आई।
उर्मिला की हत्या का आरोपी कोई और नहीं बल्कि उसका पूर्व प्रेमी ओमशंकर ही निकला। पुलिस पूछताछ में ओमशंकर ने बताया कि करीब 15 साल से उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था। लेकिन जब उनकी शादी अलग-अलग हो गई, तो उर्मिला अपने पति से अनबन के बाद मायके आकर रहने लगी। उर्मिला ने ओमशंकर पर शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। उसने धमकी दी कि अगर ओमशंकर ने उससे शादी नहीं की, तो वह पूरे गाँव के सामने सब कुछ बता देगी।
ओमशंकर ने उर्मिला से कहा कि वह अब शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं, लेकिन उर्मिला ने उसकी बात नहीं मानी। इससे परेशान होकर उसने उर्मिला को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 26 जून को मिलने के बहाने बुलाकर उसने उर्मिला को अपनी बाइक पर बिठाया और छाछा गाँव के सुनसान जंगलों में ले गया। वहाँ पानी पीने के बहाने बाइक रोकी और जब उर्मिला इधर-उधर देख रही थी, तो उसने तमंचा निकालकर उसके सिर से सटाकर गोली मार दी। फिर वह घर लौट आया और तमंचे को भूसे के ढेर में छिपा दिया। उसने उर्मिला का मोबाइल भी जला दिया।
लेकिन ओमशंकर की साजिश का पर्दाफाश हो गया और पुलिस ने उसे उर्मिला की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."