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November 2, 2024 6:03 am

भांजे को दिल दे बैठी मामी ने पूर्व प्रेमी का किया काम तमाम, खुलासे पर पुलिस भी रह गई भौचक्की

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संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने भांजे और उसके दोस्तों के साथ मिलकर अपने पूर्व प्रेमी की हत्या कर दी। महिला का अपने भांजे के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसकी जानकारी उसके पूर्व प्रेमी को हो गई थी। इसके बाद पूर्व प्रेमी ने महिला को आपत्तिजनक फोटो और वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

इस स्थिति से परेशान महिला ने अपने भांजे और उसके दोस्तों के साथ मिलकर पूर्व प्रेमी की हत्या की योजना बनाई। महिला और उसके साथियों ने पूर्व प्रेमी की गला घोंटकर और डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को तालाब में फेंक दिया।

घटना के बाद महिला ने अपने सामान्य जीवन को जारी रखा, जैसे कुछ हुआ ही न हो। 19 जून को गोरखपुर के थाना गुलरिहा क्षेत्र में एक पुरुष की लाश मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की, लेकिन शव की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। शव को मुर्दाघर में रखवा दिया गया और 72 घंटे बीत जाने के बाद भी उसकी पहचान नहीं हो पाई तो पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया।

27 जून को चिलुआताल के एक व्यक्ति ने दावा किया कि शव उसके बेटे सिंटू कुमार का है। सिंटू चेन्नई में काम करता था और 14 जून को उसने कहा था कि वह बेंगलुरु जा रहा है, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पता चला कि यह हत्या प्रेम प्रसंग के चलते हुई थी।

महिला और उसके भांजे ने मिलकर सिंटू की हत्या की थी, क्योंकि सिंटू उनके रिश्ते में बाधा बन रहा था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए महिला, उसके भांजे और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपियों की पहचान बृजेंद्र निषाद, प्रियंका निषाद, आकाश कुमार और शिव कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने मृतक का पर्स और आधार कार्ड भी बरामद कर लिया है। आरोपियों ने बताया कि सिंटू को गला घोटकर और डंडे से वार करके मारा गया था और फिर उसकी लाश को तालाब में फेंक दिया गया था। 

महिला ने पुलिस को बताया कि सिंटू उसे आपत्तिजनक फोटो और वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करता था। पुलिस अब इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."