दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
18 जून 2024 की शाम, समय लगभग 6 बजकर 41 मिनट, स्थान दिल्ली का राजौरी गार्डन इलाका, बर्गर किंग रेस्टोरेंट। रेस्टोरेंट में करीब 10-15 कस्टमर्स मौजूद थे। इन्हीं कस्टमर्स में से एक टेबल पर एक लड़की अपने दोस्त के साथ बैठी थी और मोबाइल पर कुछ दिखा रही थी। तभी अचानक, रेस्टोरेंट के दरवाजे से दो व्यक्ति अंदर दाखिल होते हैं और सीधे उस टेबल की ओर बढ़ते हैं।
इनमें से एक व्यक्ति ने बिना किसी चेतावनी के उस लड़के पर गोलियां चलाना शुरू कर दीं। रेस्टोरेंट में अफरा-तफरी मच जाती है। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगते हैं। हालांकि, शूटर ने लड़के को निशाना बनाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे वह मौके पर ही दम तोड़ देता है।
इस हमले के बाद दोनों शूटर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन तब तक उनके निशाने पर लड़का पूरी तरह आ चुका था और बचने का कोई मौका नहीं बचा था। इस घटना ने रेस्टोरेंट में मौजूद हर शख्स को स्तब्ध कर दिया और देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
भरी भीड़ के बीच इस तरह की फायरिंग ने न केवल रेस्टोरेंट में मौजूद लोगों को बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया। यह घटना राजधानी में बढ़ती अपराध की घटनाओं की गंभीरता को दर्शाती है और लोगों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
छानबीन में पता चलता है कि इस हत्याकांड के पीछे पुर्तगाल में बैठे कुख्यात गैंगस्टर हिमांशु भाऊ का हाथ है। मरने वाला लड़का, जिसका नाम अमन था, को निशाना बनाकर यह हमला किया गया था। लेकिन इस घटना ने एक और रहस्य को जन्म दिया है – वह लड़की कहां गायब हो गई, जो फायरिंग से ठीक पहले अमन के साथ बैठी थी?
रेस्टोरेंट की सीसीटीवी फुटेज में यह लड़की साफ-साफ कैद हो गई थी। फुटेज में दिखा कि फायरिंग शुरू होते ही लड़की अचानक से गायब हो गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तफ्तीश शुरू की और जल्द ही इस लड़की के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
पुलिस जांच में यह पता चला कि यह लड़की केवल अमन की दोस्त नहीं थी, बल्कि वह एक अंडरकवर एजेंट थी, जो लंबे समय से हिमांशु भाऊ के गैंग पर नजर रखे हुए थी। लड़की का असली नाम अंजलि था और वह एक गुप्त मिशन पर थी। उसका काम अमन के माध्यम से गैंग के अंदर की जानकारी इकट्ठा करना था।
जिस दिन अमन की हत्या हुई, उस दिन अंजलि ने अमन को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की थी। लेकिन हमला होने से पहले ही वह वहां से निकल गई थी। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि हिमांशु भाऊ और उसके गैंग के खिलाफ सबूत जुटाकर उन्हें कानून के शिकंजे में लाया जाए।
अंजलि की तस्वीर और उसकी पहचान को सार्वजनिक नहीं किया गया, ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और वह अपने मिशन को जारी रख सके। इस रहस्यमयी घटना ने पुलिस के लिए कई नए सवाल खड़े कर दिए और राजधानी दिल्ली में सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया।
आखिर कौन थी सीसीटीवी में दिखी लड़की?
रेस्टोरेंट के अंदर अमन के साथ दिखी यह लड़की कोई और नहीं, बल्कि लेडी डॉन अनु थी। सूत्रों के मुताबिक, अमन की हत्या का मास्टरमाइंड भले ही पुर्तगाल में छिपकर बैठा गैंगस्टर हिमांशु भाऊ हो, लेकिन इस हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अनु के ऊपर थी।
अनु ने पहले अमन से फेसबुक के जरिए दोस्ती की और अपनी खूबसूरती के जाल में उसे फंसाया। जब अनु को लगा कि अमन पूरी तरह से उस पर भरोसा करने लगा है, तो उसने उसे मिलने के लिए बुलाया।
मुलाकात के लिए दिल्ली के राजौरी गार्डन में बर्गर किंग रेस्टोरेंट को फाइनल किया गया। वहां पहुंचने के बाद अनु ने अमन को बातों में उलझाए रखा। जैसे ही दोनों बातचीत कर रहे थे, अचानक दो शख्स रेस्टोरेंट में दाखिल हुए और अमन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। रेस्टोरेंट में भगदड़ मच गई और इसी अफरा-तफरी के बीच अनु परछाई की तरह गायब हो गई।
अनु ने यह सब कुछ एक सोची-समझी योजना के तहत किया था। उसकी रणनीति अमन को अपनी ओर आकर्षित कर उसे एक सुरक्षित स्थान पर ले जाकर हत्या करवाने की थी, ताकि हत्या के बाद वह आसानी से बच निकले।
इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस के लिए जांच को और भी पेचीदा बना दिया है, क्योंकि अनु न केवल एक कुख्यात अपराधी है, बल्कि उसकी योजना और क्रूरता ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब पुलिस के सामने अनु को पकड़ना और हिमांशु भाऊ के नेटवर्क को ध्वस्त करना एक बड़ी चुनौती है। अनु की पहचान और उसके कनेक्शन ने इस हत्याकांड को और भी रहस्यमय बना दिया है। पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है कि इस मामले की तह तक पहुंचा जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए।
अंडरवर्ल्ड में लेडी डॉन अनु की एंट्री
हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली 24 वर्षीय अनु एक ग्रेजुएट है और पढ़ाई में काफी अच्छी थी। लेकिन इसी बीच उसे जरायम की दुनिया में नाम कमाने का शौक चढ़ा। अनु का सपना था कि वह अंडरवर्ल्ड में अनुराधा चौधरी की तरह लेडी डॉन बने, जिसकी हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी से शादी हुई है।
अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अनु ने अंडरवर्ल्ड का रास्ता चुना और हिमांशु भाऊ के गुर्गों के संपर्क में आई। सूत्रों के मुताबिक, हिमांशु भाऊ ने अनु को शुरुआत में छोटे-मोटे काम सौंपे। इन कामों में अनु ने न केवल हिमांशु के भरोसे को जीता, बल्कि अपने कामों से उसकी उम्मीदों से कहीं बढ़कर साबित हुई। धीरे-धीरे अनु ने जबरन वसूली से लेकर मर्डर तक के कार्यों में भी भाग लेना शुरू कर दिया।
इन सब कारनामों के बाद अनु गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की खासमखास बन गई। उसके काम करने का तरीका, उसकी क्रूरता और चालाकी ने उसे हिमांशु भाऊ के गिरोह में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। अनु की यह उन्नति उसकी महत्वाकांक्षाओं और उसके निर्दयी स्वभाव को दर्शाती है।
अनु का यह सफर न केवल अंडरवर्ल्ड में उसकी प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि उसे एक खतरनाक अपराधी के रूप में भी स्थापित करता है। उसका नाम अब बड़े-बड़े अपराधियों की सूची में शामिल हो चुका है, और उसका हर कदम पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन गया है। अनु की कहानी एक साधारण लड़की से लेडी डॉन बनने की है, जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया को चुना और उसमें अपना नाम कमाया।
दिल्ली से लेकर हरियाणा तक अनु की तलाश
अंडरवर्ल्ड में अपना नाम बड़ा करने के मकसद से अनु ने खुद हिमांशु भाऊ से राजौरी गार्डन हत्याकांड की जिम्मेदारी देने की मांग की थी। इसके बाद उसने अमन को फंसाने के लिए हनी ट्रैप का सहारा लिया। इस हत्याकांड ने दिल्ली और हरियाणा की पुलिस को सतर्क कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के अलावा हरियाणा पुलिस भी अनु की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि अनु के परिजनों ने रोहतक में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वह हिमांशु भाऊ के गैंग के लिए काम कर रही है।
अनु को हिमांशु भाऊ का मैसेंजर भी माना जाता है। वह जेल में बंद उसके गुर्गों तक हिमांशु के संदेश पहुंचाती थी। अनु की भूमिकाएं केवल यही तक सीमित नहीं रहीं; उसने जबरन वसूली, मर्डर, और अन्य अपराधों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
राजौरी गार्डन हत्याकांड के बाद अनु की पहचान और उसकी कुख्याति और भी बढ़ गई है। पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि अनु ने अमन को अपने जाल में फंसाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। उसने अमन से फेसबुक के जरिए दोस्ती की और धीरे-धीरे उसे अपने विश्वास में लिया।
फिलहाल, दिल्ली और हरियाणा पुलिस अनु की तलाश में लगी हुई हैं। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और उसके ठिकानों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। अनु की गिरफ्तारी से कई बड़े राज खुल सकते हैं और हिमांशु भाऊ के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिल सकती है।
अनु की यह कहानी केवल एक साधारण लड़की से लेडी डॉन बनने की नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कथा है जिसने दिल्ली और हरियाणा में कानून व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। पुलिस की कड़ी मेहनत और तफ्तीश से उम्मीद की जा रही है कि अनु को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे उसके अपराधों की सजा मिलेगी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."