अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। इस सीट से निर्वाचित हुए डॉक्टर विनोद कुमार बिंद, जो कि निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, अब संसद में पहुंच गए हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं। इस कारण मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना निश्चित है।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर विनोद कुमार बिंद ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रोहित शुक्ला को 33,487 मतों से पराजित किया था। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की पुष्प लता को 52,990 वोट मिले थे। मीरजापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा सीट से अनुप्रिया पटेल, जो अपना दल (सोनेलाल) की नेता और केंद्रीय मंत्री हैं, तीसरी बार सांसद चुनी गईं।
हालांकि, आगामी उपचुनाव में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को इस सीट पर 33,000 से अधिक मतों की बढ़त मिली थी, वहीं लोकसभा चुनाव में यह अंतर घटकर केवल 2,000 रह गया। इससे साफ होता है कि प्रस्तावित उपचुनाव में एनडीए के लिए सीट जीतना आसान नहीं होगा।
2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भी इस सीट से उम्मीदवार उतारा था, लेकिन उसे केवल 3,399 मत ही मिल सके। कुल मिलाकर 2,45,931 लोगों ने नोटा समेत 15 अलग-अलग प्रत्याशियों को वोट दिया था।
जातीय समीकरण के हिसाब से मझवां विधानसभा सीट पर दलित, ब्राह्मण और बिंद समुदाय का प्रभुत्व है। यहां दलित, ब्राह्मण, और बिंद की संख्या लगभग 60-60 हजार है। इसके अलावा कुशवाहा 30 हजार, पाल 22 हजार, राजपूत 20 हजार, मुस्लिम 22 हजार और पटेल 16 हजार हैं। 1960 में अस्तित्व में आई इस सीट पर मुख्य रूप से ब्राह्मण, दलित और बिंद बिरादरी का प्रभाव है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल ऐसे कौन से नए समीकरण बनाते हैं, जिससे लोकसभा चुनाव में घटी हुई उनकी लीड भी कवर हो सके और सीट भी उनके खाते में आ सके।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."