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November 22, 2024 11:58 pm

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चुनाव हार गए लेकिन केंद्र के राज्यमंत्री बने, शपथग्रहण के दौरान इतनी बड़ी गलती कर देंगे, ये उम्मीद नहीं थी किसी को

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

हाल ही में भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है। रविवार शाम को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें 72 मंत्रियों ने शपथ ली। यह समारोह दो घंटे से भी अधिक समय तक चला।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने लुधियाना के पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिटटू को केन्द्र में राज्यमंत्री बनाकर पंजाब में नया खेला कर दिया है। इस बार लोकसभा चुनाव में पंजाब से भाजपा को एक भी सीट नही मिली है, राज्यसभा में भी पंजाब से भाजपा का कोई सांसद नही है, जिसके चलते लुधियाना लोकसभा से बेहद कम वोटों से हारे पूर्व सांसद व भाजपा उम्मीदवार रवनीत बिटटू को केन्द्र में राज्यमंत्री बना दिया गया है। 

इस कार्यक्रम के दौरान एक विशेष घटना हुई जब एक नेता ने शपथ लेते समय गलती कर दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उन्हें टोकना पड़ा और गलती सुधारने के लिए कहना पड़ा। यह क्षण उस समय सबकी नजरों में आ गया और कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।

इस प्रकार के घटनाएं शपथ ग्रहण समारोहों में कभी-कभी हो जाती हैं, जो कार्यक्रम को और अधिक चर्चा का विषय बना देती हैं।

लुधियाना से चुनाव लड़ने वाले रवनीत सिंह बिट्टू ने शपथ ग्रहण के दौरान एक महत्वपूर्ण गलती की, जो चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने अंग्रेजी में शपथ लेते समय “conscientiously” शब्द छोड़ दिया। हिंदी में इस शब्द का मतलब होता है- शुद्ध अंतःकरण से। अब किसी भी शपथ में इस शब्द का प्रयोग हर बार होता है, लेकिन बिट्टू इसी शब्द को मिस कर गए और राष्टर्पति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें टोक दिया। उन्होंने खुद उस शब्द को पहले कहा और फिर बिट्टू उसे दोहराने के लिए कहा।

इस गलती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें टोक दिया और सही शब्द बोलने के लिए निर्देशित किया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे लोग आश्चर्यचकित हो गए कि शपथ लेने में इस तरह की चूक कैसे हो सकती है।

रवनीत सिंह बिट्टू, जो लोकसभा चुनाव हार चुके थे, इस बार लुधियाना सीट से बीजेपी के प्रत्याशी थे। हालांकि, वे कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से 20,942 वोटों के अंतर से हार गए थे। 

मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल में कुल 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री, और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं, जो 24 राज्यों और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, मंत्रिमंडल में 21 सवर्ण, 27 ओबीसी, 10 SC, 5 ST, और 5 अल्पसंख्यक समुदाय के मंत्री शामिल हैं।

बीजेपी के बहुमत न मिलने के कारण, मंत्रिमंडल में 11 एनडीए के सहयोगी दलों को भी शामिल किया गया है, जिसमें छह पूर्व मुख्यमंत्री और 23 राज्यों के मंत्री शामिल हैं।

Desk
Author: Desk

'श्री कृष्ण मंदिर' लुधियाना, पंजाब का सबसे बड़ा मंदिर है, जो 500 वर्ग गज के क्षेत्र में बना है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है।

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