संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। ज़िला उद्योग केन्द्र में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर आम जनता से मनमाने तरीके से लूट की जा रही है जिसमें दलालों के माध्यम से आम आदमी को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है l
इन दलालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अपने चहेते लोगों व अपने सगे संबंधियों को मनमाने तरीके से योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं व उनसे योजनाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं l
ज़िला उद्योग केन्द्र में सरकार द्वारा संचालित ज्यादातर योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं ज्यादातर योजनाओं का लाभ एक ही लाभार्थियों को पहुंचाया जा रहा है और उनसे मोटी रकम वसूल की जा रही है l
ज़िला उद्योग केन्द्र में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए लाभार्थी कभी दलालों की लूट का शिकार हो रहे हैं तो कभी बैंक कर्मियों की कमीशन खोरी का शिकार हो रहे हैं वहीं इन सरकारी योजनाओं के नाम पर हो रही लूट में विभागीय अधिकारी भी अछूते नहीं हैं जिनके द्वारा दलालों, बैंक कर्मियों व अपने विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को कमीशन दिलाया जाता है जिला उद्योग केन्द्र में सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने से पहले ही लाभार्थी लूट का शिकार हो रहे हैं l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि ज़िला उद्योग केन्द्र के उपायुक्त एस के केशरवानी की मिलीभगत से जिला उद्योग केन्द्र में भ्रष्टाचार तेज़ी से पनप रहा है जो अपने विभागीय कर्मचारियों व दलालों के माध्यम से आम आदमी को सरकारी योजनाओं के नाम पर लूट करवा रहे हैं l
ज़िला उद्योग केन्द्र में सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी का शिकार होने वाले ज्यादातर लाभार्थियों ने उपायुक्त पर आरोप लगाए हैं कि जब से एस के केशरवानी जिला उद्योग केन्द्र में उपायुक्त का कार्यभार ग्रहण किया है तब से लेकर आज तक सरकारी योजनाओं के नाम पर आम आदमी को लूटने का काम कर रहे हैं l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि वर्षों से ज़िला उद्योग केन्द्र में पदस्थ उपायुक्त एस के केशरवानी के भ्रष्टाचारी कारनामों पर ज़िला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की नज़र नहीं पड़ी है या फिर सब कुछ जानते हुए ज़िला प्रशासन जिला उद्योग केन्द्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सहभागिता निभा रहा है l
अब देखना यह है कि जिला उद्योग केन्द्र में सरकारी योजनाओं का लाभ देने के नाम पर व्याप्त भ्रष्टाचार की जॉच कराकर ज़िला प्रशासन कब आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."