ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार एक दिलचस्प तस्वीर उभर कर सामने आई है। इस बार अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, जिससे चुनावी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। सातवें चरण की वोटिंग के बाद टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा कराए गए एग्जिट पोल्स ने प्रदेश के राजनीतिक मूड को स्पष्ट किया है।
ताज़ा एग्जिट पोल्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है। टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल में भाजपा और उसके सहयोगियों को 66 से 70 सीटें मिलने का अनुमान है, जो पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन की ओर इशारा कर रहा है।
वहीं, सपा-कांग्रेस गठबंधन को 10 से 13 सीटों पर जीत मिलने की संभावना जताई गई है। बसपा इस बार के चुनाव में कमजोर स्थिति में दिख रही है और उसे कोई सीट नहीं मिलने की संभावना है।
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में यूपी की 80 में से 64 सीटें एनडीए के खाते में गई थीं, जिसमें भाजपा ने 62 और अपना दल एस ने 2 सीटें जीती थीं।
बसपा को 10, सपा को 5 और कांग्रेस को 1 सीट मिली थी। इस बार का एग्जिट पोल बताता है कि एनडीए अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है, जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन को भी कुछ फायदा हो सकता है।
2019 के एग्जिट पोल में टाइम्स नाउ ने भाजपा को 58 सीटें और सपा-बसपा गठबंधन को 20 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। इस बार, एग्जिट पोल्स ने एनडीए को और मजबूत होते हुए दिखाया है।
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान शनिवार को पूरा हो गया और अब परिणामों की प्रतीक्षा हो रही है। 4 जून को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। ईवीएम में बंद नतीजे अब तीन दिनों के इंतजार के बाद ही सबके सामने आ सकेंगे।
इस तरह से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आने की संभावना है, जिसमें एनडीए और इंडिया दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."