– खुशी लखेश्री की प्रस्तुति
दमदार रुतबा, गजब का लुक और जबरदस्त वर्किंग स्टाइल से अपनी अलग जगह बनाने वाली आईपीएस पूजा अवाना (IPS Pooja Awana) आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और पास कर पुलिस अफसर बनीं। पूजा अवाना ने जिस वक्त यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) पास की थी, उनकी उम्र महज 22 साल थी। इतनी कम उम्र में इस मुकाम तक पहुंचकर उन्होंने यह बता दिया कि अगर इरादे मजबूत हो और सपना सच करना का जज्बा तो कोई भी लक्ष्य पाना नामुमकिन नहीं। आइए जानते हैं आईपीएस पूजा अवाना के यहां तक सफर की कहानी..
पूजा के पापा का सपना जो कि पुलिस के सर्वोच्च ओहदे पर अपनी परी को देखना चाहते थे। पापा की प्रेरणा ने लाडो के जहन में एक जुनून को अंकुरित किया जो महज 22वर्ष की आयु में फलीभूत होकर मुल्क की सर्वोच्च प्रतियोगिता यूपीएससी में अपना लोहा मनवा कर 316 वीं रैंक हासिल कर फतह का पतंगा बुलन्द किया।
पूजा अवाना संपूर्ण युवा वर्ग की प्रेरणा पुंज बन करके यह साबित कर दिखलाया की कठिन मेहनत और दृढ़ संकल्प के समक्ष सफलता सदैव नतमस्तक होती है।
पिता विजय कुमार जी का एक बहुत बड़ा सपना था कि वे अपनी परी को पुलिस अफसर की वर्दी में देखना चाहते थे। और पूजा ने उस ख्वाब को पूरा करके दिखाया। इस वर्दी का कपड़ा , जिसको सीला कर पहनने के लिए लोगों को सालों बर्बाद करने पड़ते हैं ।लेकिन अवाना ने बहुत ही कम समय में अपने लक्ष्य को भेद कर पिता के सपनों को साकार कर दिखाया।
शानदार आगाज ए सफर
पूजा अवाना की राहें कभी अंगारों से तो कभी बासंती नजारों के इन्द्र धनुषी मिजाज का आईना रहा हैं। पूजा का जन्म 6 जून 1987 को उत्तर प्रदेश, नोएडा जिला के अट्टा गांव में हुआ। आपके पिता श्री विजय कुमार अवाना सफल व्यवसायी एवं मातोश्री कौशल निपुण ग्रहणी के रूप में अपने चारों बच्चों अर्थात तीन भाई और एक बहन जिसको सफल जीवन की ओर अग्रसर करने में कोई कोर कसर नहीं रखी ।
पूजा अवाना का बाल्यकाल सरस ,मोहक ,रोचक एवं जिज्ञासा का पिटारा रहा। इसमें सबसे बड़ी इकलौती पुत्री का गौरव प्राप्त होने के साथ साथ सबसे बड़ी होने का दायित्वबोध और पिता के अरमान को साकार करने का जिद्दी जुनून सपनों की उड़ान के लिए सदैव आम्दा रहा।
पूजा अवाना की जन्म स्थली से ही प्रारंभिक शिक्षा से लेकर सीनियर स्तर की पढ़ाई, विश्व भारती पब्लिक स्कूल अट्टा से प्राप्त करने के बाद स्नातकोत्तर की उपाधि दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल कर अपने एकल लक्ष्य की ओर क़दम बढ़ाते हुए मुल्क की सर्वोच्च प्रतियोगिता (UPSC) 2012 में मात्र 22वर्ष की आयु में 316 रैंक हासिल कर IPS बनकर देश के युवा और विशेषकर महिला जगत की प्रेरणा पुंज बनकर उभरी तथा हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण के कठिन मापदंडों को पार करते बड़ी सहजता के साथ सफलता के सोपान को छुआ।
सर्विस प्रोफाइल
आईपीएस की सफल ट्रेनिंग के पश्चात् पूजा अवाना की प्रथम पोस्टिंग पुष्कर (अजमेर )में हुई थी। फिर पुलिस अधीक्षकIPS के रूप में भरतपुर , हाड़ीरानी बटालियन अजमेर के कमाडेंट , आठवीं बटालियन आरएसी नई दिल्ली में कमांडेंट पद से होते हुए जयपुर पुलिस कमिश्नररेट में डीसीपी ट्रैफिक की कमान संभाली ।बाद में जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में डीसीपी ट्रैफिक में अपनी दमदार सेवाएं देने के पश्चात् प्रतापगढ़ एवं सिरोही में पुलिस अधीक्षक IPS के रूप में सफल यादगार सेवाएं दी। फिर अजमेर में सीआईडी सीबी पुलिस अधीक्षक के बाद अजमेर एवं जोधपुर में जीआरपी पुलिस अधीक्षक की माकूल जिम्मेदारी निर्वाह के उपरांत वर्तमान में फलोदी पुलिस अधीक्षक के पद को सुशोभित करते हुए नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
कर्त्तव्य पथ की मिशाल
दमदार वर्किंग स्टाइल की धनी पूजा अवाना पुलिस अधीक्षक किसी परिचय की मोहताज नहीं है। राष्ट्रीय और मानव मूल्यों को संजोकर रखना आपकी तासीर है । मानों पूजा सायरना अंदाज में कह रही है कि:-
जर्रों में रह गुर्जर के, चमक छोड़ जाऊंगी।पहचान अपनी दूर ,तलक छोड़ जाऊंगी।
पूजा अवाना के चुनौती पूर्ण सफलता के आयाम को देखें तो प्रतापगढ़ में अफीम एवं डोडा तस्करी के विरोध शानदार अभियान चलाकर तस्करों के छक्के छुड़ाएं । इसी प्रकार चुनौती पूर्ण अंजाम देते हुए सिरोही जिले के अवैध शराब गिरोह को नेस्तनाबूद करने में अहम भूमिका निभाते हुए, गगनचुंबी हौसलों की शानदार सुर्खियां बटोरी।
डिपार्टमेंट में बहुत ही चुनौती पूर्ण डीसीपी ट्राफिक के पद पर रहते हुए अपने पद को लाजवाब गौरवान्वित किया । वर्तमान नवसृजित फलोदी जिले में पुलिस अध्यक्ष के पद पर रहते हुए पूजा अवाना के नेतृत्व में ऑपरेशन लपका चलाकर लंबे समय से फरार इनामी बदमाशों की धर पकड़ को बेमिसाल अंजाम दिया जा रहा है ।इस क्षेत्र में चर्चित डोडां और स्मैक तस्कर और तस्करी के आकाओं पर कमर तोड़ कार्यवाही कर आए दिन कार्तिक मान स्थापित कर रही हैं।साथ ही अवान साहिबान की सोच है कि –
दिलों में हो भरोसा, महफूज हर दर हो।आम जन में हो विश्वास,अपराधियों में डर हो।
इतना ही नहीं एक महिला पुलिस अधिकारी होने के नाते देश के निर्भया कांड ने अवाना साहिबान को अंदर से झकझोर दिया परिणाम स्वरूप अपने निर्भया डिफेंस फोर्स का गठन कर महिलाओं में आत्मविश्वास, निडर्ता एवं महिला सशक्तिकरण को लेकर जबरदस्त जन जागृति अभियान चलाया।
लाजवाब व्यक्तिगत किरदार
एक सफल व्यक्तित्व के चरित्र की कहानी यहीं आकर एंड नहीं होती है बल्कि उसके निजी जीवन का किरदार भी अनेक खूबियां से अलंकृत होता है ।इसी सिलसिले को आगे बढ़ते हुए हम फक्र के साथ कह सकते हैं कि श्रीमती अवाना साहिबान अपने पारिवारिक जीवन में खुशियां और सुकून के सतरंगी रंग भरने के साथ-साथ इनकी निजी आदतें( हाबी) भी बेमिसाल पैगाम से कम नहीं है। उदाहरण के तौर पर बायोग्राफी ,युवालनोवा हरारे , पाऊल कोहलो, प्रेमचंद, शरद चंद आदि के साहित्य पठन की तो लत लगी हुई है ।इतना ही नहीं प्रकृति के रोमांस और अल्हड़पन को नजदीकी से निहारने का कोई मौका भी अपने हाथ से जाने नहीं देती है। हा इस बात को आप बार बार चरितार्थ करती है कि:-
तस्वीर लेना भी ,जिंदगी में जरूरी है जनाब।आईने गुजरा हुआ , कभी वक्त नहीं बताते।
इसी अंदाज में पूजा अवाना अपने पारिवारिक ,व्यक्तिगत एवं पद दायित्व से संबंधित शानदार तस्वीरों को संजोकर रखती है। साथ ही फेसबुक,व्हाट्सएप, एवं इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से सोशल मीडिया पर सदैव एक्टिव रहती हैं।
एक युवा आकांक्षी से एक कुशल आईपीएस अधिकारी तक पूजा अवाना की यात्रा उनके अटूट दृढ़ संकल्प और समर्पण का प्रमाण है। छोटी सी उम्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि सिविल सेवाओं के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने का प्रयास करने वाले अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का काम करती है। पूजा की कहानी हमें याद दिलाती है कि लगन और कड़ी मेहनत से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है, चाहे उम्र या परिस्थिति कुछ भी हो।
पूजा अवाना पुलिस अधीक्षक की शुक्रयादा के लिए अन्त में दो लाइनें कि :-
फानुस बनाकर के, जिसकी हिफाजत हवा करें। वो समा क्या बुझे, जिसको रोशन खुदा करे।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं