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November 22, 2024 4:01 pm

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मुख्तार के आतंक की वो खौफनाक कहानी,  जब योगी आदित्यनाथ की बाल-बाल बची थी जान… . 

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की अब मौत हो चुकी है। लेकिन 2005 के मऊ दंगे के बाद से सूबे के सीएम और गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मुख्तार अंसारी के आंतक के खिलाफ मोर्चा खोला था। 

जेल जाने से पहले माफिया मुख्तार अंसारी का खौफ लोगों में छाया था। और 2005 में मऊ में भीषण दंगा हो गया। मुख्तार अंसारी वहां पर हथियारों को लहराते हुए खुली जीप में घूम रहा था। लोग उसके डर के साए में जी रहे थे। 

मुख्तार अंसारी को योगी आदित्यनाथ का चैलेंज

तो उस समय के सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को चुनौती दी थी और कहा था कि वह मऊ दंगे के पीड़ितों को इंसाफ दिला के रहेंगे। मऊ दंगों के तीन साल बाद यानी साल 2008 में योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को फिर ललकारा। योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी के नेतृत्व में ऐलान किया कि वह आजमगढ़ में आतंकवाद के खिलाफ रैली निकालेंगे। 

जब योगी आदित्यनाथ पर मुख्तार अंसारी ने हमला कराया!

लेकिन जब योगी आदित्यनाथ का काफिला निकला तो काफिले के ऊपर हमला हो गया था। गनीमत रही कि किसी तरह योगी आदित्यनाथ ने अपनी जान बचा ली थी। जिस गाड़ी पर हमला हुआ उससे ऐन मौके पर योगी आदित्यनाथ निकल गए थे। योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया था कि ये हमला मुख्तार अंसारी ने कराया था। जिसके बाद से हमेशा योगी आदित्यनाथ, मुख्तार अंसारी के खौफ के खिलाफ लड़ते रहे और जब सूबे के सीएम बने तो मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी लाकर कोर्ट से कई मामलों में सजा दिलाई। 

बहुत लंबी है मुख्तार अंसारी के गुनाहों की फेहरिश्त

माफिया मुख्तार अंसारी के गुनाहों की फेहरिश्त बड़ी लंबी है। माफिया मुख्तार अंसारी पर करीब 65 मामले दर्ज थे और उन्हीं में एक मामला है फर्जी शस्त्र लाइसेंस लेने का था। माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप था कि उसने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। फिर डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस ले लिया था. फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी ने 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी और तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। 

जब CM ने रद्द कराया मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस

इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर लाइट मशीन गन खरीदने की योजना बनाने का भी आरोप लगा था। जिसका खुलासा एक रिकॉर्डिग से हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हालांकि, मुख्तार अंसारी का रसूख उस वक्त इतना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह से मामले को रद्द करा दिया था। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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