सुरेंदर प्रताप सिंह की रिपोर्ट
बात करीब 2 साल पुरानी है। बेंगलुरु के कुछ इलाकों से पुलिस के पास अचानक एक जैसी शिकायतें आनी शुरू हुईं। ये शिकायतें अलग-अलग पीजी (पेइंग गेस्ट स्टे) से थीं, जिनमें रहस्यमयी तरीके से लड़कियों के लैपटॉप गायब हो रहे थे। हर लैपटॉप के गायब होने का समय भी लगभग एक जैसा ही था। पुलिस ने छानबीन की, तो एक पीजी के सीसीटीवी में कुछ संदिग्ध दिखाई दिया। इसके बाद पुलिस कड़ियां जोड़ने में जुट गई और आखिरकार ये पूरा रहस्य खुल गया। पुलिस ने इस मामले में जस्सू अग्रवाल नाम की एक ऐसी महिला को गिरफ्तार किया, जिसके पास बीटेक की डिग्री थी। इसके बाद पूछताछ में उसने जो कहानी बताई, उसे सुनकर पुलिस के बड़े अफसर भी हैरान रह गए।
पुलिस के मुताबिक, जस्सू अग्रवाल राजस्थान की जोधपुर के रहने वाली है। जस्सू ने बीटेक किया और नोएडा आकर एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करने लगी। लेकिन, कुछ दिन बाद ही वो इससे बेहतर नौकरी की तलाश में बेंगलुरु चली गई। यहां वो एक पीजी में रुकी और कुछ कंपनियों में नौकरी के लिए अप्लाई किया। इसी दौरान उसने देखा कि पीजी में जब लड़कियां डिनर के लिए जाती हैं, तो अपना रूम खुला छोड़ जाती हैं, जहां लैपटॉप जैसे उनके कीमती सामान होते थे। जस्सू ने यहीं से लैपटॉप चुराने का प्लान बना लिया। उसके प्लान में नौकरी के फर्जी इंटरव्यू, पीजी में 10 से 15 रुकने की तैयारी और चोरी के लैपटॉप बेचना… सब कुछ शामिल था।
प्लान पर ऐसे काम करती थी जस्सू
अपनी प्लानिंग के तहत, जस्सू सबसे पहले नौकरी के इंटरव्यू के फर्जी लेटर तैयार करती। इसके बाद वो इन्हें दिखाकर बेंगलुरु में पीजी संचालकों से 10 से 15 दिन के लिए रूम लेती। इन 10-15 दिनों में वो पूरा माहौल भांप लेती और मौका देखते ही लैपटॉप साफ कर देती। लैपटॉप चोरी करने का टाइम वही था, जब वहां रहने वाली लड़कियां डिनर के लिए जातीं। जस्सू पूरी प्लानिंग से काम करती, इसलिए उसके ऊपर किसी को शक नहीं होता था। इसके बाद वो मौका देखते ही निकल जाती और सेकंड हैंड मार्केट में 5 हजार से 15 हजार तक में लैपटॉप बेच देती। पुलिस का कहना है कि पिछले दो साल के दौरान उसने लैपटॉप चोरी को ही अपना पेशा बना लिया।
कैसे पुलिस के शिकंजे में फंसी जस्सू
बेंगलुरु के जिन इलाकों में पीजी से लैपटॉप चोरी हुए, उनमें टिन फैक्ट्री, मराठाहल्ली, बेलंदूर, सिल्क बोर्ड, हेब्बल, महादेवपुरा और व्हाइटफील्ड शामिल थे। पुलिस के मुताबिक, लैपटॉप चोरी करने और उन्हें बेचने के बाद वो राजस्थान वापस लौट जाती थी, ताकि पकड़ी ना जाए। इसके बाद जैसे ही माहौल शांत होता, वो फिर से बेंगलुरु आकर पीजी तलाशने लगती।
जस्सू पुलिस के रेडार में उस वक्त आई, जब सितंबर 2022 में उसके खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज चेक की, तो उसमें जस्सू तीन लैपटॉप चुराकर भाग रही थी। इसके बाद पुलिस ने बाकी जगहों की सीसीटीवी फुटेज देखी और आखिरकार जस्सू तक पहुंच गई। पुलिस ने जस्सू के पास से 24 लैपटॉप बरामद किए हैं, जिनके मालिकों की तलाश की जा रही है। इन लैपटॉप की कीमत करीब 10 लाख रुपए है।
Author: samachar
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