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18 January 2025 4:18 pm

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18 सालों बाद इस ‘फर्जी सरकारी अर्दली’ की जब पोल खुली तो डीएम भी रह गए हक्के बक्के

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संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

देवरिया। जिले के बरहज तहसील कार्यालय से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिला प्रशासन के इस अहम कार्यालय में फर्जी अर्दली बीते 18 सालों से काम कर रहा था, यह अर्दली बाकायदा सफेद रंग की सरकारी यूनीफॉर्म, सिर पर सरकारी टोपी और उस पर कलेक्‍ट्रेट लिखा एक बिल्‍ला भी लगाता था।

घूस मांगने की शिकायत पर DM ने की पूछताछ

उसके तौर- तरीकों पर किसी को शक नहीं हुआ।इस फर्जी अर्दली का खुलासा तब हुआ जब बरहज कस्बे के रहने वाले एक व्यक्ति ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी से शिकायत कर दी। 

उसने बताया कि सरकारी अर्दली राजेश कुमार एक जमीन के खारिज दाखिल के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इस आरोप से चौंके डीएम अखंड प्रताप सिंह ने तुरंत राजेश कुमार को बुलवाया और उससे सबके सामने ही पूछताछ की। इससे पता चला कि वह सरकारी अर्दली नहीं है। इसके बाद तो अखंड प्रताप सिंह ने फौरन एक्‍शन ले लिया।

डीएम अखंड प्रताप सिंह ने उसे तुरंत पुलिस हिरासत में भेजते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि आखिर ये आदमी सरकारी कार्यालय में कैसे काम कर रहा था।अगर इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था तो फिर इसके लिए दोषी पर कठोर कार्रवाई होगी।

2006 से तहसील कार्यालय में सरकारी अर्दली की तरह करता था नौकरी

डीएम अखंड प्रताप सिंह ने बरहज एसडीएम (SDM) और तहसीलदार से स्पष्टीकरण भी माँगा है। बताया जाता है कि आरोपी राजेश कुमार इस तहसील में 2006 से कार्यरत है। लोग उसे सरकारी कर्मचारी ही समझते थे और वह भी सरकारी यूनीफॉर्म पहने होता था।

सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि वह हर दिन तहसील कार्यालय में मौजूद रहता था, लेकिन उसे कोई वेतन नहीं मिलता था।जो भी साहब आते रहे। वह उनका अर्दली बनकर काम करता रहा और किसी ने भी उसे ऐसा करने से नहीं रोका।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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