Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 9:48 am

लेटेस्ट न्यूज़

ऑनलाइन सट्टा ने बिगाड़ दी युवक की नीयत तो उसने जो कदम उठाया उसे सुन पुलिस भी चक्कर खा गई… 

13 पाठकों ने अब तक पढा

हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट

राजनांदगांव। ऑनलाइन सट्टा के लिए धोखाधड़ी कर दूसरे का बैंक खाता इस्तेमाल कर करोड़ों का लेनदेन करने का मामला सामने आया है। मामले में कोतवाली पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर लेकर जेल भेज दिया गया है।

कोतवाली टीआई एमन साहू ने बताया कि प्रार्थी देवलाल साहू पिता मंशाराम ग्राम गठुला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि गणपति मेडिकल वाले का लड़का विनायक साहू पिता जयंती साहू निवासी चिखली द्वारा जान पहचान का फायदा उठाकर शासकीय योजनाओं के बारे में बताते हुए उसके खाते में 1000 रुपए आने का झांसा दिया। इस दौरान आरोपी विनायक साहू द्वारा प्रार्थी देवलाल और उसकी पत्नी पूर्णिमा को ममता नगर स्थित केनरा बैंक ले जाकर दोनों का खाता खुलवाने एक फॉर्म में हस्ताक्षर करा कर दोनों पति-पत्नी की फोटो चिपकाया और खाता खुलने के बाद दोनों खाता को आरोपी विनायक साहू अपने पास रख लिया और बाद में एटीएम को भी रख लिया।

खाता खोलने के बाद पास बुक व एटीएम अपने पास रखा

इसके बाद प्रार्थी को 2000 रुपए दिया था। पास बुक एवं एटीएम को मांगने पर नहीं दिया व खाता को आटोमैटिक बंद हो जाने का हवाला दिया गया। कुछ दिन बाद केनरा बैंक का मैनेजर और बैंगलोर का एक अधिकारी प्रार्थी देवलाल के घर आया और प्रार्थी के खाते में करोड़ों रुपए का लेनदेन होना बताया। आरोपियों द्वारा उक्त खाता में किसी अन्य का मोबाइल नंबर डालकर धोखाधड़ी की गई है।

मुख्य आरोपी शहबाज

शिकायत पर पुलिस आरोपी विनायक साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान आरोपी ने दोनों खातों का उपयोग मुख्य आरोपी शहबाज खान निवासी आरके नगर जीवन हाईट्स कॉलोनी राजनांदगांव के द्वारा किया जाना बताया। आरोपी शहबाज खान पिता सराउद्दीन खान को घेराबंदी कर पुलिस ने गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी शहबाज खान ने ऑनलाइन सट्टा के लिए फर्जी तरीके से बैंक खाता उपलब्ध कराना स्वीकार किया।

एक खाते का 18 हजार

कोतवाली टीआई एमन साहू ने बताया कि मुख्य आरोपी शहबाज ने पूछताछ में बताया कि वह दूसरे गिरोह के लिए काम करता है। खाता खुलवाने उसने विनायक साहू को अपने साथ मिलाया था। विनायक के जरिए देवलाल व उसकी पत्नी का खाता खोलकर दूसरे के मोबाइल नंबर एड कर दोनों के खाते से करीब ढाई करोड़ का लेनदेन किया था। शहबाज को एक खाता पर 18 हजार, सहयोगी को 5 हजार व खाता धारक को दो हजार मिलता था।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़