हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
चमोलीः उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च हिमालय क्षेत्र में उगने वाले दुर्लभ भोजपत्र की छाल पर महिलाएं अपनी कलम चलकर पुरातन संस्कृति की याद दिला रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बद्रीनाथ ब्राह्मण के दौरान सीमांत नीति माणा एसएचजी की महिलाओं ने उन्हें भोजपत्र पर लिखा एक अभिनंदन पत्र भेंट किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भोजपत्र के सोवियत बनाने को लेकर मां की बात कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की इस पहल की सराहना की थी। महिलाओं के इस प्रयास को अब चमोली जिला प्रशासन नई गति दे रहा है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत एसएचजी महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी और स्ट्रिंग आर्ट एडवांस्ड वजन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है भोजपत्र पर कलाकृतियां करने का यह प्रशिक्षण महिलाओं के स्वरोजगार का बड़ा साधन बनेगा। पुराने समय से पत्र लिखने और कलाकृतियां करने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला भोजपत्र राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत महिलाओं की कलाकृतियों के बाद बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी मिल सकेगा।
विकासखंड जोशीमठ के इस महिला समूह की 30 महिलाओं को इस दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी से आकर्षक सोवियत बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इस भोजपत्र पर भगवान बद्री विशाल की आरती भोजपत्र की माला स्मृति चिन्ह एवं कलाकृतियों का सुंदर चित्रण किया जा रहा है।
क्या है कैलीग्राफी
कैलीग्राफी एक सुंदर शब्दों को लिखने की कला है और यह एक विजुअल आर्ट भी है कैलीग्राफी कई तरीकों से की जाती है फोंट स्टाइल मॉडर्न और क्लासिक त्रिकोण का प्रयोग करते हुए इसके अंतर्गत बेहतरीन लेख लिखे जाते हैं इस दौरान खास प्रकार के पेन निब पेंसिल टूल ब्रश आदि का इस्तमाल किया जाता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."