आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: लोकसभा की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर लगातार संसद में विपक्ष का हंगामा चल रहा है। शीतकालीन सत्र में अब तक लोकसभा और राज्यसभा के मिलाकर 141 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। सोमवार को जहां 78 सदस्य सस्पेंड किए गए थे तो वहीं मंगलवार को 41 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया। सदन में विपक्षी सदस्य शर्म करो के नारे लगा रहे हैं। स्पीकर की अपील के बाद भी ये शांत नहीं हो रहे। उत्तर प्रदेश के भी तीन सांसद सदन से निलंबित हुए हैं। इनमें कन्नौज से सपा सांसद डिंपल यादव, मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन और अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली का नाम शामिल है। दानिश अली को कुछ दिन पहले ही मायावती ने पाटी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
निलंबित होने के बाद मीडिया से बातचीत में डिंपल यादव ने कहा- ‘आज लगभग 40 से ज्यादा एमपी सस्पेंड हुए और कल भी लगभग 80 से ज्यादा एमपी सस्पेंड हुए हैं, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है डेमोक्रेसी के लिए। जो वातावरण हम देख रहे हैं जहां हम अपनी बात नहीं रख पा रहे संसद में, मैं समझती हूं ये फेलियर ऑफ गवर्नमेंट है।’ आपको बता दें कि मंगलवार को मनीष तिवारी, शशि थरूर, सुप्रिया सुले, डिंपल यादव, कार्ति चिदंबरम, माला रॉय जैसे सांसदों को भी सस्पेंड कर दिया है।
अपनी मिमिक्री पर स्पीकर जगदीप धनखड़ ने जताई नाराजगी
विपक्ष के कई सांसद मंगलवार को तख्तियां लेकर पहुंचे। कई सांसदों के हाथ में पीएम नरेंद्र मोदी का मार्फ्ड फोटो भी नजर आया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की जिस पर स्पीकर ने बेहद नाराजगी जताई। निलंबित कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद का कहना है कि हम इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि 13 दिसंबर की घटना सुरक्षा में चूक की गंभीर घटना थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में इस बारे में बयान देकर जनता को बताना चाहिए था कि ऐसा क्यों हुआ।
लोकसभा में दो युवकों ने किया था हंगामा
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और स्मोक केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया। केंद्र सरकार और लोकसभा अध्यक्ष दोनों का कहना है कि संसद परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है।
Author: samachar
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