सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
लखनऊ: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि दाऊद इब्राहिम अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत गंभीर है और आईसीयू में है। एक समय दाऊद इब्राहिम का यूपी में बड़ा दखल हुआ करता था। बताया जाता है कि दो दशक तक दाऊद इब्राहिम में यूपी रिक्रूटमेंट सेल चलाया। यूपी के कई नेता और माफियाओं का दाऊद इब्राहिम से लिंक सामने आते रहे हैं।
बबलू श्रीवास्तव और दाऊद इब्राहिम का कनेक्शन
अंडरवर्ल्ड माफिया बबलू श्रीवास्तव इस समय बरेली के सेंट्रल जेल में बंद है। एक समय ऐसा था, जब बबलू श्रीवास्तव दाऊद इब्राहिम का खास माना जाता था। बताया जाता है कि दाऊद यूपी में रिक्रूटमेंट सेल बबलू श्रीवास्तव के माध्यम से चलाता था। बबलू श्रीवास्तव पर यूपी समेत कई राज्यों में अवैध वसूली और हत्या जैसे तमाम मुकदमे दर्ज हैं। 1989 में पुलिस से बचने के लिए नेपाल चला गया था।
बताया जाता है कि नेपाल के माफिया डॉन और राजनेता मिर्जा दिलशाद बेग ने उसकी मुलाकात दाऊल इब्राहिम से कराई। इसके बाद बबलू श्रीवास्तव दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने लगा। 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट में दोनों के रिश्ते खराब हो गए और दोनों अलग हो गए। यूपी एसटीएफ के संस्थापक सदस्य डीआईजी राजेश पांडे ने एक बयान में कहा था कि लखनऊ की जरायम की दुनिया में एक नया गैंग मजबूती से कदम जमा रहा था। यह गिरोह बबलू श्रीवास्तव का था, जिसके दुस्साहस के पीछे अंतरराष्ट्रीय माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम का काम दिमाग काम कर रहा था। एक के बाद एक वारदात से यूपी पुलिस थर्रा गई थी। इसके एसटीएफ का गठन हुआ है और बबलू श्रीवास्तव पर शिकंजा कसना शुरू हुआ।
मारा जा चुका माफिया अतीक अहमद का दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से संबंध रहे हैं। अतीक अहमद के लिए हथियारों की सप्लाई में दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता था। यूपी पुलिस की चार्जशीट में इस बात का जिक्र भी किया गया था। हथियारों की आपूर्ति के लिए छोटा शकील का एक करीबी गुर्गा ये काम करता था। गुर्गा पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई और अतीक अहमद के गिरोह के साथ लगातार संपर्क में रहता था। डी-कंपनी आईएसआई के इशारे पर अतीक अहमद तक हथियार पहुंचाती थी।
पूर्वांचल के माफिया सुभाष ठाकुर से कनेक्शन
पूर्वांचल की सियासत हो या ठेकेदारी हर जगह माफिया बाबा उर्फ सुभाष ठाकुर का दखल रहा है। इस समय सुभाष ठाकुर वाराणसी की जेल में बंद है। कई मामले में इसको दोषी करार दिया जा चुका है। एक समय ऐसा था कि पूर्वांचल के इस माफिया के दरबार में नेता पहुंचते थे। काम की तलाश में जब पहली बार मायानगरी मुंबई में कदम रखा, तभी से वो जुर्म की दुनिया के करीब पहुंचा। मुंबई में रहते हुए अपराध की दुनिया की ओर रुख किया। बाबा का नाम मुंबई अंडरवर्ल्ड तक में छा गया था। बिल्डरों और बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसता जा रहा था। एक समय उसका कारोबार मुंबई से यूपी तक फैल गया था। जिस समय सुभाष ठाकुर का नाम जुर्म की दुनिया में चमक रहा था, तभी मुंबई के एक कॉन्स्टेबल का बेटा दाऊद इब्राहिम अपराध की दुनिया में एट्री किया था।
दाऊद इब्राहिम, सुभाष ठाकुर के दरबार में पहुंचा। बाबा उर्फ सुभाष ठाकुर ने उसको अपना शिष्य बना लिया था। सुभाष ठाकुर ने ही उसको जुर्म करने के तरीके सिखाए। इसके बाद दाऊद इब्राहिम मुंबई का सबसे बड़ा डॉन बन गया था। दाऊद इब्राहिम, बाबा ऊर्फ सुभाष को बहुत मानता था, लेकिन 1992 में हुए मुंबई बम धमाकों के बाद दोनों हमेशा के लिए अलग हो गए। दाऊद से अलग होने के बाद सुभाष ठाकुर ने छोटा राजन के साथ हाथ मिलाया था। दाऊद इब्राहिम से जान का खतरा बताते हुए गिरफ्तारी के बाद सुभाष ठाकुर ने 2017 में एक याचिका दायर कर बुलेटप्रूफ जैकेट और सुरक्षा मांगी थी।
बृजेश सिंह का नाम भी दाऊद इब्राहिम से जुड़ चुका है। कहा जाता है कि बृजेश सिंह जब पुलिस से बचता फिर रहा था, तब उसने कुछ समय के लिए मुंबई में रुका था। मुंबई में छिपने के कुछ दिनों में बृजेश सिंह डॉन दाऊद के संपर्क में आया था। कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम के ही इशारे पर बृजेश सिंह ने मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती गैंगस्टर गवली गैंग के चार बदमाशों को भून डाला था। दाऊद ने वो गोलीकांड अपनी बहन के पति के कत्ल का हिसाब बराबर करने के लिए कराया था। दाऊद ने उस काम के बदले बृजेश सिंह को सैल्यूट भी भेजा था।
अब्बास अंसारी का दाऊद से बात करने का पुलिस ने दावा किया था
10 फरवरी 2023 को मुख्तार अंसारी की बहू और बेटे अब्बास को पुलिस ने जेल में पकड़ा था। जब जेल में रेड पड़ी थी, तब निकहत ने अपना आईफोन लॉक कर दिया था। निकहत के आईफोन में पुलिस को कई विदेशी नंबर मिले थे। ये नंबर यूएई और सऊदी अरब के थे। इन नंबरों पर कई बार बात हुई थी। इन नंबरों पर अब्बास अंसारी ने बात की थी। पुलिस को शक था कि इन नंबर के जरिए अब्बास अंसारी दुबई में दाऊद से टच में था। गिरफ्तारी के समय निकहत के पास से विदेश करंसी भी मिली थी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."