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November 2, 2024 1:05 am

डीजे की धुन पर लोग नाच रहे थे और महिलाएं गा रही थी मंगल गीत, अचानक ऐसा हुआ कि दुल्हन की मांग से मिटाना पडा सिंदूर

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जोगेंदर सिंह की रिपोर्ट

पलवल। घर में नई नवेली दुल्हन की डोली आई। दिन भर शादी के बाद की रस्में चलीं। महिलाएं मंगल गीत गा रहीं थी। युवा तेज संगीत पर नृत्य कर दोस्त की शादी का जश्न मना रहे थे, ऐसे में दूल्हे की मौत की सूचना ने पूरे मांगलिक दृश्य को बदल दिया। दूल्हे की मौत की सूचना मिलते ही महिलाओं में चीख-पुकार मच गई। जश्न मना रहे दोस्त व परिवार के सदस्य दूल्हे के शव के पास दौड़ पड़े। ट्रेन की पटरियों पर पड़े शव को देख परिजनों के पैरों के नीचे से जमीं खिसक गई। ऐसे में घर पर आई नई नवेली दुल्हन पर क्या बीतेगी, यह सवाल सबके दिल में था।

यह घटनाक्रम इस्लामाबाद के समीप बसी भगतजी कॉलोनी का है, जहां सुबह शादी करके घर पहुंचे दूल्हे की रात को ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। हादसे से परिवार की खुशियां मातम में बदल गई। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवाया, जहां बृहस्पतिवार को शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया।

जीआरपी जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर भीम सिंह के अनुसार बुधवार रात को करीब 10 बजे उन्हें सूचना मिली कि इस्लामाबाद के समीप एक युवक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही वे टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराने का प्रयास किया। शव की पहचान भगतजी कॉलोनी निवासी 22 वर्षीय दलवीर के रूप में हुई।

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मृतक के चाचा ने बताया पूरे दिन घर में खुशी का माहौल रहा। शाम के समय युवाओं ने डीजे मंगाया हुआ था और परिजन उस पर नृत्य कर खुशियां मना रहे थे। रात के करीब नौ बजे दलवीर बिना किसी को बताए घर से निकल गया। करीब एक घंटे बाद उन्हें दलवीर की ट्रेन की चपेट में आने की सूचना मिली। दलवीर के रेलवे लाइन की तरफ जाने के बारे में परिवार के किसी सदस्य को कोई जानकारी नहीं है।

पुलिस ने परिजनों के बयान पर पोस्टमार्टम कार्रवाई कर शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया। दलवीर की मौत से परिवार में गम का माहौल है। घर में शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है।

चंद घंटों में मिटा दिया गया मांग में भरा सिंदूर

बुधवार रात को दलवीर की ऐदलपुर गांव निवासी पूजा के साथ शादी थी। करीब रात आठ बजे बारात का स्वागत हुआ। चढ़त के बाद 10 बजे बाराती घर पहुंचे। 12 बजे के बाद दलवीर व पूजा के सात फेरे हुए और दलवीर ने पूजा की मांग में सिंदूर भर अपने जीवन संगिनी बनाया, परंतु होनी को कुछ और ही मंजूर था। पूजा की मांग में भरा सिंदूर एक दिन पूरा होने से पहले ही मिट गया।

जिंदगी भर साथ निभाने के वचन के साथ लिए थे सात फेरे

बृहस्पतिवार को जब दूल्हे दलवीर का शव घर पहुंचा तो दृश्य बड़ा मार्मिक हो गया। घर में मची चीत-पुकार ने सभी की आंखों को नम कर दिया। 

सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ नई नवेली दुल्हन पर टूटा। वह शव को देखकर बेहोश हो गई। बार-बार उसे होश में लाया जाता, परंतु वह शव को देखकर फिर बेहोश जाती। होश में आने के बाद बस एक बात ही कहती कि जिंदगी भर साथ देने का वचन दिया था, परंतु एक दिन भी साथ नहीं निभा पाए।

इकलौते बेटे की मौत से आहत मां का रो-रोकर बुरा हाल

भगत जी कॉलोनी निवासी सुंदर मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं। बेटा दलवीर जवान हुआ तो वह भी पिता के काम में हाथ बंटाने लगा। इकलौता होने के चलते घर का भार भी दलवीर था।

बड़ी बहन कुसुम की कुछ साल पहले ही शादी की थी। अब दलवीर की शादी के बाद पिता सुंदर गंगा स्नान जाने की सोच रहे थे, परंतु दलवीर तो परिवार को न सहे जाने वाले दुख देकर चला गया। इकलौते बेटे की मौत से मां राजकुमारी का रो-रोकर बुरा हाल था। बहन कुसुम भी भाई के वियोग में बार-बार बेहोश हो रही थी। उसे भी मां-बाप के अकेले रह जाने का दुख सता रहा था।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."