हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
देहरादून: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे थे। मंगलवार को सभी सुरंग से बाहर निकाल लिए गए थे। लोगों के जेहन में सवाल कौंध रहा है कि आखिरी सुरंग में कैसे इतने दिनों तक मजदूर रह लिए, क्योंकि सभी मजदूर जब बाहर आए तो पूरी तरह से फिट और स्वस्थ थे। अब सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो सामने आया है। जहां मजदूर फंसे हुए थे।
सिल्क्यारा सुरंग में जहां मजदूर फंसे हुए थे, वहां 2 किलोमीटर तक लंबा टनल का एरिया था। सुरंग की कुल लंबाई साढ़े चार किमी है।
वहीं, 41 मजदूरों में एक मजदूर का वीडियो सामने आया है, जो सभी को मोटिवेट कर रहा है। कह रहा है कि रात में पिक्चर देखी। रात में सोए थे तो एक मजदूर कहता है कि साढ़े ग्यारह बजे सोए थे। रात में ठंड तो नहीं लगी। खाने की कोई दिक्कत तो नहीं है। घर से बात हुई है न। आज हम सब बाहर निकल जाएंगे। कल रात में मैडम से बात हुई थी। हम लोगों का काम ही है खतरों से खेलना तो एक मजदूर कहता है कि हम लोगों के ऊपर खतरा है। इस पर मोटिवेट करते हुए कहता है कि हम लोग आपके साथ हैं। काजू-बादाम खा लिया और दूध पी लिया कि नहीं। वीडियो में देखा जा सकता है कि मजदूरों के लिए बिस्तर और खाने की पूरी व्यवस्था की गई। फल भी उपलब्ध थे।
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सभी श्रमिक स्वस्थ, कई अपने घरों को हुए रवाना
उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी 41 श्रमिक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में हुई चिकित्सकीय जांचों में स्वस्थ पाए गए। उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई, जिसके बाद कई श्रमिक अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं। एम्स प्रशासन ने यहां मीडिया को बताया कि सभी श्रमिक चिकित्सकीय जांच में स्वस्थ पाए गए हैं और उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई है।
एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. रविकांत ने बताया कि श्रमिकों का गहन परीक्षण किया गया और उनकी रक्त जांच, ईसीजी और एक्स-रे रिपोर्ट सामान्य आई हैं। वे शारीरिक रूप से स्वस्थ और चिकित्सकीय रूप से स्थिर हैं। हमने उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी है।
दिवाली के दिन हुआ था हादसा
12 नवंबर को दीपावली के दिन उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में मलबा गिरने से 41 मजदूर फंस गए थे। 17 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। इस दौरान विदेशी टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स और अमेरिका से ऑगर मशीन मंगाई गई थी।
25 नवंबर को ऑगर मशीन खराब होने के बाद रैट माइनर्स ने मोर्चा संभाला था। 17वें दिन रैट माइनर्स मजदूरों तक पहुंचने में कामयाब हुए थे। मंगलवार को रात सभी मजदूरों को निकाल लिया गया था। सभी मजदूर स्वस्थ हैं।
Author: samachar
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