Explore

Search

November 2, 2024 12:01 pm

इस दुल्हन के कारनामे ने सबका सिर घुमा दिया है….पढ़िए क्या है मामला

3 Views

आनंद शर्मा की रिपोर्ट 

दौसा: राजस्थान के दौसा जिले में पुलिस ने एक लुटेरी दुल्हन को गिरफ्तार किया है, जो पहले लोगों को फंसाती थी। इसके बाद शादी करती थी और शादी के 5 से 10 दिन के बाद ही जेवरात और नकदी लेकर रफूचक्कर हो जाती थी। शातिर दुल्हन 3 महीने में तीन शादियां कर चुकी है और तीनों जगह से ही फरार हो चुकी है। अब दौसा पुलिस ने शातिर दुल्हन सोनिया उर्फ निशा निवासी यमुनानगर हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही संगीता और अनीता नाम की दो दलाल भी गिरफ्तार की है।

14 जून को दौसा के युवक के साथ की शादी

दरअसल, दौसा शहर में एक युवक का दलालों के माध्यम से लुटेरी दुल्हन से संपर्क हुआ। इसके बाद 14 जून को शादी हुई। शादी के 7 दिन बाद यानी 21 जून को वह पीहर जाने की बात कह कर चली गई। लेकिन वापस नहीं आई। इसके बाद उसने युवक को पैसे डालने की बात कहने लगी। जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो दलालों के माध्यम से दौसा पुलिस लुटेरी दुल्हन तक पहुंची। इसके बाद लुटेरी दुल्हन सोनिया उर्फ निशा को हरियाणा से डिटेन कर लिया। पुलिस ने इस मामले में दलाल संगीता और अनीता तथा गीता को भी गिरफ्तार किया है।

गिरोह में कई दलाल और मैरिज ब्यूरो वाले शामिल

इस पूरे गिरोह में अनेक दलाल और मैरिज ब्यूरो वाले शामिल हैं, जिनकी भी पुलिस तलाश कर रही है। लुटेरी दुल्हन सोनिया उर्फ निशा नर्सिंग कर चुकी है। उसने सबसे पहले लव मैरिज की थी और उसके एक बेटी भी हुई थी, लेकिन उसने अपने पति को छोड़ दिया । इसके बाद दलालों के संपर्क में आकर लुटेरी दुल्हन बनाकर बिजनेस शुरू कर दिया। आरोपी लुटेरी दुल्हन सोनिया ने मई माह में जहां भीलवाड़ा में शादी करके फरार हुई थी। वही जून माह में दौसा में शादी के बाद नगदी व जेवरात लेकर फरार हो गई थी।

अब जुलाई माह में पानीपत में शादी कर ली और उसके बाद वहां से भी चली गई। इसी बीच दौसा पुलिस हरियाणा पहुंच गई और लुटेरी दुल्हन को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस लुटेरी दुल्हन और दोनों दलालों से पूछताछ कर रही है, ताकि अन्य वारदातों के साथ-साथ इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."