दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे कुश्ती महासंघ के पूर्व चीफ बृज भूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने यौन उत्पीड़न का मामला एमपी एमएलए मामलों की सुनवाई करने वाली एसीएमएम की अदालत को सौंपा दिया है। एसीएमएम ने मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाले पहलवानों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। अर्जी पर सुनवाई के लिए पहले से ही 27 जून की तारीख तय है।
कोर्ट में आरोप पत्र पर सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट महिमा राय सिंह ने आरोप पत्र पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या पॉक्सो के लिए कैंसिलेशन एप्लीकेशन अलग से दाखिल किया है? क्या मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के पास पहले से FIR असाइन है?
इस पर SHO उपेंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि पटियाला हाउस कोर्ट में पॉक्सो मामले में कैंसिलेशन एप्लीकेशन दाखिल किया है, CMM महिमा राय सिंह ने कोर्ट स्टाफ को पता करने को कहा कि क्या मामले में FIR ACMM हरजीत सिंह जसपाल को असाइन हुई है?
इस प्रश्न के पूछे जाने के बाद अदालत की कार्यवाही कुछ देर के लिए रुक गई। जिसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व चीफ सिंह पर 6 बालिग पहलवानों के यौन शोषण केस की सुनवाई दोबारा शुरू हुई तो CMM महिमा राय सिंह ने मामले को MP/MLA कोर्ट में स्थांतरित कर दिया।
महिमा सिंह राय ने मामले को हरजीत सिंह के पास भेज दिया है। जिसके बाद अब हरजीत जसपाल की अदालत सिंह के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेकर सुनवाई करेगी। इसके लिए अगली तारीख और समय 27 जून की 2 बजे तय की गई है।
चार्जशीट में क्या-क्या है?
दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़ितों का दिया गया बयान दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट करने का मुख्य वजह है। नाबालिग के बयान पर पुलिस उसे कथित अपराध के स्थान पर ले गई। उन्हें इस दौरान कोई भी सुनसान जगह नहीं मिली जहां अपराध हो सकता था।
बता दें कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि आरोपी ने उसे उस कमरे में बुलाया जहां उसपर कथित तौर पर हमला किया गया। पीड़ितों द्वारा दिए गए डिजिटल साक्ष्य अपराध के कथित स्थान पर अभियुक्तों की उपस्थिति को मजबूती से साबित करते हैं।
पीड़ितों ने अपने आरोपों के समर्थन में दिल्ली पुलिस को अलग अलग जगहों की लगभग पांच तस्वीरें दी है। दो दर्जन गवाहों में से लगभग सात ने सिंह के खिलाफ पीड़ितों के आरोपों का समर्थन किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। वे सभी ट्रायल के दौरान क्रॉस एग्जामिनेशन से गुजरेंगे। दूसरे देशों के कुश्ती महासंघों से डिजिटल साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस एक और आरोप पत्र दायर करेगी।
दायर चार्जशीट में हर शिकायत का अलग से जिक्र किया गया है। छह पहलवानों ने अपनी शिकायतों में कई घटनाओं का उल्लेख किया है। प्रत्येक शिकायत के लिए गवाहों, फोटो या वीडियो की पुष्टि करने का दावा किया गया है।जिसमें से चार आरोपों में फोटो सबूत के तौर पर दिए गए हैं।
जांच में शामिल अधिकारी ने बताया कि ये तस्वीरें, मेडल अवार्ड समारोह, ग्रुप फोटो और अन्य कार्यक्रमों की हैं। कुछ तस्वीरों को पहलवानों ने दिया था जबकि अन्य तस्वीरों को जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन देशों का सहारा लिया, जहां पर टूर्नामेंट खेले गए थे।
पॉक्सो केस में मिली राहत
सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ 6 महिला पहलवानों के अलावा एक नाबालिग पहलवान ने भी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने पॉक्सो के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। लेकिन कुछ दिन पहले ही वो नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई।
दिल्ली पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया की सिंह ने उनके साथ कोई यौन उत्पीड़न नहीं किया, उन्होंने मेरे साथ टूर्नामेंट में भेदभाव किया।इससे दुखी होकर मैंने ये आरोप लगाए। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान और उसके पिता का बयान रिकॉर्ड किया और कोर्ट में एक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। जिसके बाद बृजभूषण को पॉक्सो मामले में क्लीन चिट मिली।
इसके बाद धरने पर बैठी पहलवान साक्षी मलिक ने यह आरोप लगाया की नाबालिग के परिवार को डराया-धमकाया गया। बृजभूषण ने अपनी पहुंच से उसे प्रताड़ित करने की धमकी दी। इसी वजह से वो पहलवान अपने बयान से पलटी। इस आरोप पर नाबालिग के पिता ने कहा हमारे परिवार को किसी ने नहीं डराया धमकाया और ना ही हमें जान का कोई खतरा है।
अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ?
सबसे पहले 18 जनवरी को पहली बार कई पहलवान बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे।फिर सरकार द्वारा एक्शन किये जाने के आश्वासन मिलने के बाद ये धरने से उठ गये, समय पर एक्शन नहीं होने पर 23 अप्रैल को पहलवानों ने दूसरी बार धरना शुरू किया। इस दौरान पहलवानों ने मौसम की मार झेली, पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई। पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी हुई, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
पहलवानों और गृहमंत्री अमित शाह के बीच करीब दो घंटे चली मुलाकात के बाद कहानी बदल गई और पहलवान अपनी नौकरियों पर पर लौट गए। फिर सात जून को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को मुलाकात के लिए बुलाया। खेल मंत्री से मिलने पहुंचे पहलवानों ने कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। जब तक सिंह की गिरफ्तारी नहीं होगी पहलवान धरना देते रहेंगे, ऐसा उन्होंने दावा किया था।
Author: samachar
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