दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
गाजियाबादः दिल्ली में बीच सड़क चाकू से गोदकर किशोरी की हत्या के बाद महिला सुरक्षा के मुद्दे पर फिर बात होने लगी है। इससे पहले भी दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं के साथ कई बड़े अपराध हुए, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है। कई बार तो केस तक दर्ज नहीं किए जाते। अगर कहीं दर्ज हुआ है तो आधे से ज्यादा मामलों की जांच में लंबा वक्त लगता है।
कमिश्नरेट सिस्टम लागू, फिर भी बढ़े रेप और छेड़छाड़ के केस
गाजियाबाद कमिश्नरेट बनने के बाद 2023 में रेप, छेड़छाड़ और हत्या के केस बढ़े हैं, जबकि इन्हें कम करने के दावे किए जाते थे। हालांकि, पुलिस किडनैपिंग के मामलों को कम कर पाई है। पुलिस का दावा है कि महिला क्राइम से जुड़े मामलों को 100 प्रतिशत दर्ज किया जा रहा है। केस दर्ज कराने का सिस्टम सरल हुआ है, इसलिए संख्या बढ़ी है। महिलाओं को परेशान करने के मामले जो पुलिस तक नहीं आते थे, अब एंटी रोमियो स्क्वॉड की मदद से पुलिस तक केस पहुंच रहे हैं और उनमें एफआईआर भी दर्ज हो रही है।
हर महीने 2 महिलाओं की हत्या
गाजियाबाद में मई तक हर महीने में 2 महिलाओं की हत्या हुई है। पुलिस रेकॉर्ड के अनुसार, 2023 में मई तक 13 महिलाओं की हत्या की गई। यह आंकड़ा 2022 में सिर्फ 6 था। हत्या के बढ़े मामलों में पुलिस का कहना है कि इन हत्याओं में परिचित शामिल रहे हैं। कुछ में तो पुलिस की तरफ से ही केस दर्ज किया और बाद में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।
रेप केस 42 प्रतिशत आए ज्यादा
2022 में रेप के 35 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2023 में मई तक 50 केस दर्ज किए गए हैं। महिला को परेशान करने (शीलभंग) के मामले दोगुना से अधिक हुए हैं। 2022 में धारा 354 के 57 केस दर्ज हुए थे, जो 2023 में 120 हो गए। हालांकि, किडनैपिंग के मामले 67 फीसदी कम हुए। 2022 में जहां 49 मामले मई तक सामने आए थे, वह 2023 में इस दौरान सिर्फ 16 हैं। रेप के मामलों में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दर्ज केस में 60 प्रतिशत मामले लिवइन से जुड़े हैं और घटना के करीब 6 महीने से लेकर 2 साल बाद शिकायत पर दर्ज हुई है।
अजय कुमार मिश्रा, पुलिस कमिश्नर, गाजियाबाद ने कहा कि शिकायत के सिस्टम को बेहतर किया है। थानों में आने वाली महिला संबंधी हर शिकायत को गंभीरता लेकर दर्ज की जाती है। एंटी रोमियो स्क्वॉड के साथ महिलाओं और किशोरियों की वह समस्याएं, जो अक्सर सामने नहीं आती थीं, उनके बारे में पुलिस को जानकारी मिल रही है, जिसके बाद पुलिस एक्शन ले रही है।
क्या कहती हैं महिलाएं
राजनगर एक्सटेंशन की रहने वाली निधि विश्वकर्मा ने कहा कि महिलाओं से जुड़े मामलों की थानों में सुनवाई के साथ रिपोर्ट जल्दी दर्ज होती है। कुछ स्थान पर पुलिस ने महिलाओं को परेशान करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की है। यह बेहतर काम है, लेकिन अभी बहुत सुधार की जरूरत है। गोविंदपुरम की शालू पांडे ने कहा कि स्नैचिंग और लूट की घटनाओं को सुनकर बहुत डर लगता है। अभी थाने जाकर शिकायत करने में भी महिलाएं डरती हैं। पुलिस को ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जहां महिलाएं बिना झिझक शिकायत कर सकें। घर के आसपास ही वह लूट का शिकार हो जाती हैं।
क्रॉसिंग रिपब्लिक की रोली त्रिपाठी ने कहा कि मैंने खुद हाल में अंधेर रास्ते से होकर जाने पर पुलिस को मदद के लिए कॉल किया था, जहां बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिलने के साथ अगले दिन उसका फॉलोअप भी किया गया था। पायल ने कहा कि क्रॉसिंग रिपब्लिक में कई बार वॉक करने, बच्चों को स्कूल से लेने गई महिलाओं से स्नैचिंग हुई। कई पॉइंट पर लोग कमेंट भी करते हैं। एक लोकेशन ऐसी है, जहां रात 8 बजे के बाद निकलना मुश्किल हो जाता है। महिला सुरक्षा में अभी बहुत काम होने की जरूरत है।
Author: samachar
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